कन्हैयास्थान गंगा नदी घाट में मछुआरा को मिली अष्टधातु की लड्डू गोपाल की मूर्ति

देखते ही देखते लोगों की भीड़ जुट गयी और पूजा-अर्चना करनी शुरू हो गयी.

By ABDHESH SINGH | August 13, 2025 8:41 PM

राजमहल/मंगलहाट. राजमहल प्रखंड क्षेत्र के कन्हैयास्थान स्थित कन्हाईनाटशाला में हजारों साल पुराने इस्कॉन मंदिर के बगल में उत्तरवाहिनी गंगा नदी किनारे से बुधवार की दोपहर को एक व्यक्ति को भगवान लड्डू गोपाल की 2 किलोग्राम की मूर्ति मिली. क्षेत्र में मूर्ति मिलने की खबर फैलते ही लोगों की भीड़ जुटने लगी. मूर्ति मिलने से लोगों ने तरह-तरह की चर्चा करनी शुरू कर दी है. बताया जाता है कि कन्हैयास्थान गांव निवासी नकुल मंडल दोपहर को मछली का जाल लगाने गंगा नदी किनारे पहुंचे थे. इसी दौरान गंगा नदी किनारे जाल लगाने के लिए बांस गाड़ रहे थे. बांस नदी किनारे जमीन पर नहीं धंसने से उन्हें लगा कि पिया पत्थर होगा. तब वे हाथ से हटाने लगे तो मिट्टी हटाया तो देखा कि सोने जैसी चमक रही है. उन्होंने पूरी खुदाई की तो उन्हें भगवान लड्डू गोपाल की लगभग 2 केजी की मूर्ति मिली. इस दौरान नकुल मंडल खुशी के मारे झूठे और तुरंत मूर्ति को गोद में लिए घर की ओर दौड़ पड़े. घर में जाकर परिवार वालों को बताते ही देखते ही देखते लोगों की भीड़ जुट गयी और पूजा-अर्चना करनी शुरू हो गयी. गांव में कई तरह के चर्चे होने शुरू हो गए. कई लोग बता रहे हैं कि अष्टधातु से बनी हुई मूर्ति है, तो कोई सोना का होने का दावा कर रहे थे. किसी ने पीतल तो किसी ने तांबा, ऐसे ही कई लोगों ने अपने अनुमानित रूप से देखकर चर्चा करनी शुरू कर दी. ग्रामीणों ने बताया कि यह जांच का विषय है. जांच होने के पश्चात ही पता चल पाएगा कि आखिरकार यह मूर्ति कहां से आयी है. लोग यह भी कह रहे हैं कि गंगा नदी में बहते हुए इस्कॉन मंदिर के पास पहुंचे हैं, तो इन्हें मंदिर में रखना उचित होगा. खबर लिखे जाने तक उनके घरों में पूजा-अर्चना और लोगों की भीड़ जुट गयी थी और तरह-तरह की चर्चा हो रही थी. राजमहल प्रखंड क्षेत्र के कन्हैयास्थान स्थित कन्हाईनाटशाला में हजारों साल पुराने इस्कॉन मंदिर के बगल में उत्तरवाहिनी गंगा नदी किनारे से बुधवार की दोपहर को एक व्यक्ति को भगवान लड्डू गोपाल की 2 किलोग्राम की मूर्ति मिली. क्षेत्र में मूर्ति मिलने की खबर फैलते ही लोगों की भीड़ जुटने लगी. मूर्ति मिलने से लोगों ने तरह-तरह की चर्चा करनी शुरू कर दी है. बताया जाता है कि कन्हैयास्थान गांव निवासी नकुल मंडल दोपहर को मछली का जाल लगाने गंगा नदी किनारे पहुंचे थे. इसी दौरान गंगा नदी किनारे जाल लगाने के लिए बांस गाड़ रहे थे. बांस नदी किनारे जमीन पर नहीं धंसने से उन्हें लगा कि पिया पत्थर होगा. तब वे हाथ से हटाने लगे तो मिट्टी हटाया तो देखा कि सोने जैसी चमक रही है. उन्होंने पूरी खुदाई की तो उन्हें भगवान लड्डू गोपाल की लगभग 2 केजी की मूर्ति मिली. इस दौरान नकुल मंडल खुशी के मारे झूठे और तुरंत मूर्ति को गोद में लिए घर की ओर दौड़ पड़े. घर में जाकर परिवार वालों को बताते ही देखते ही देखते लोगों की भीड़ जुट गयी और पूजा-अर्चना करनी शुरू हो गयी. गांव में कई तरह के चर्चे होने शुरू हो गए. कई लोग बता रहे हैं कि अष्टधातु से बनी हुई मूर्ति है, तो कोई सोना का होने का दावा कर रहे थे. किसी ने पीतल तो किसी ने तांबा, ऐसे ही कई लोगों ने अपने अनुमानित रूप से देखकर चर्चा करनी शुरू कर दी. ग्रामीणों ने बताया कि यह जांच का विषय है. जांच होने के पश्चात ही पता चल पाएगा कि आखिरकार यह मूर्ति कहां से आयी है. लोग यह भी कह रहे हैं कि गंगा नदी में बहते हुए इस्कॉन मंदिर के पास पहुंचे हैं, तो इन्हें मंदिर में रखना उचित होगा. खबर लिखे जाने तक उनके घरों में पूजा-अर्चना और लोगों की भीड़ जुट गयी थी और तरह-तरह की चर्चा हो रही थी.

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