गंगा किनारे मृत डॉल्फिन मिलने से हड़कंप, वन विभाग ने शुरू की जांच
सूचना मिलते ही वन विभाग ने मामले को गंभीरता से लिया और वनरक्षी पप्पू यादव व डॉल्फिन वाचर सुमित कुमार को मौके पर भेजा. दोनों ने डॉल्फिन के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए राजमहल भेजा.
-शोभापुर के पास ग्रामीणों को मिला डॉल्फिन का शव, पोस्टमार्टम के बाद हुआ अंतिम संस्कार
फोटो नं 03एसबीजी 43 है.कैप्सन – शुक्रवार को जांच करते लोग.प्रतिनिधि, राजमहल/मंगलहाटराजमहल थाना क्षेत्र के शोभापुर गांव के समीप गंगा नदी के किनारे गुरुवार को एक मृत डॉल्फिन मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गयी. स्थानीय ग्रामीणों ने गंगा नदी में बहते हुए डॉल्फ़िन का शव देखा और तत्काल इसकी सूचना वन विभाग को दी. देखते ही देखते बड़ी संख्या में लोग नदी किनारे जमा हो गये और डॉल्फिन को लेकर तरह-तरह की चर्चा शुरू हो गयी. सूचना मिलते ही वन विभाग ने मामले को गंभीरता से लिया और वनरक्षी पप्पू यादव व डॉल्फिन वाचर सुमित कुमार को मौके पर भेजा. दोनों ने डॉल्फिन के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए राजमहल भेजा. अगले दिन शुक्रवार को पोस्टमॉर्टम के बाद डॉल्फिन का अंतिम संस्कार तालझारी वन विभाग परिसर में किया गया. सूत्रों के अनुसार मृत डॉल्फिन लगभग 6 से 7 महीने की थी और इसका वजन करीब 15 किलोग्राम था. प्रारंभिक जांच में एक चिकित्सक ने इसकी मौत का कारण अंदरूनी चोट बताया है, हालांकि विभागीय अधिकारी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही वास्तविक कारण की पुष्टि करने की बात कह रहे हैं. डीएफओ प्रबल गर्ग ने इसे संभवतः प्राकृतिक मृत्यु बताया है.
शिकार पर कड़ी निगरानी, आम लोगों से सहयोग की अपील
वन विभाग ने डॉल्फिन की मौत को गंभीरता से लेते हुए शिकार और अवैध गतिविधियों पर निगरानी बढ़ा दी है. अधिकारियों ने कहा है कि गंगा डॉल्फिन भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव है और इसे वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची-1 में शामिल किया गया है. इस प्रजाति के शिकार या नुकसान पहुंचाने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है. राजमहल अनुमंडल क्षेत्र में मछुआरों के सहयोग से डॉल्फिन संरक्षण के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है विभाग ने आम लोगों से भी अपील किया है कि डॉल्फिन से संबंधित किसी भी सूचना को तुरंत साझा करें.डॉल्फिन की बढ़ती संख्या से पर्यावरणविद उत्साहित
हाल ही में एक राष्ट्रीय सर्वेक्षण में यह पाया गया है कि साहिबगंज जिले में गंगा डॉल्फ़िन की संख्या में वृद्धि हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक यहां लगभग 250 से अधिक डॉल्फिन होने की संभावना है. पर्यावरण पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिला प्रशासन द्वारा चानन गांव में वॉच टावर का निर्माण कराया गया है, जिससे पर्यटक डॉल्फिन की अठखेलियों का आनंद ले सकें. वन विभाग का मानना है कि जागरूकता और निगरानी के प्रयासों से डॉल्फिन संरक्षण को बल मिलेगा और भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सकेगा.
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