बायोडायवर्सिटी पार्क में प्रवासी पक्षी, डॉल्फिन बने आकर्षण
तालझारी के मेहंदीपुर मसकलैया में 2017 में लगभग तीन किलोमीटर लंबा और 100 मीटर चौड़ा बायोडायवर्सिटी पार्क बनाया गया है, जहाँ लाखों पेड़ लगाए गए हैं। वन विभाग ने कुर्सी, रेस्ट हाउस, सोलर लाइट और पानी की सुविधा भी दी है। पास की मसकलैया चिड़िया झील में सर्दियों में हजारों किलोमीटर दूर से प्रवासी पक्षी आते हैं, जिनमें रेड क्रेस्टेड, पोलार्ड, कोमन कुट और पर्पल हेरोन प्रमुख हैं। इससे झील की सुंदरता बढ़ जाती है। गंगा नदी में मसकलैया पार्क के पास 10-12 डॉल्फिन भी देखी जाती हैं, जो इस क्षेत्र की जैव विविधता को समृद्ध बनाती हैं।
प्रतिनिधि, तालझारी. तालझारी प्रखंड के मेहंदीपुर मसकलैया स्थित एनएच फोर लेन के समीप गंगा तट पर वर्ष 2017 में लगभग तीन किलोमीटर लंबे और 100 मीटर चौड़े क्षेत्र में बायोडायवर्सिटी पार्क का निर्माण किया गया है. इसमें लाखों पेड़ लगाए गए हैं और वन विभाग की ओर से कुर्सी, रेस्ट हाउस, सोलर लाइट तथा पानी की व्यवस्था की गई है. सड़क के दूसरी ओर स्थित मसकलैया चिड़िया झील में इन दिनों प्रवासी पक्षियों का लगातार आगमन हो रहा है. झील में विभिन्न प्रजातियों के पक्षी भोजन करते देखे गए हैं. वन्यजीव संस्थान के गंगा प्रहरी बरूण कुमार मंडल ने बताया कि ठंड के आगमन के साथ हजारों किलोमीटर दूर से प्रवासी पक्षी आते हैं और फरवरी के अंत तक लौट जाते हैं. इनमें रेड क्रेस्टेड, पोलार्ड, कोमन कुट, पर्पल हेरोन सहित कई प्रजातियां शामिल हैं. विदेशी पक्षियों के आगमन से झील की सुंदरता और भी बढ़ जाती है. क्या कहते डॉल्फिन प्रहरी मसकलैया स्थित पार्क के गंगा नदी में 10-12 की संख्या में डोल्फिन अठखेलियां करते देखा जा सकता है. वन विभाग की ओर लाखों पेड़ लगाये गये हैं, जो पार्क की सुंदरता को बढ़ा रहे हैं. पप्पू शर्मा, डॉल्फिन प्रहरी, तालझारी
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