प्रकृति स्वयं पीताम्बरी शिवलिंग पर करती है जलाभिषेक

महाशिवरात्रि में पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, बिहार के सैकड़ों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं शिवगादी

By Prabhat Khabar News Desk | February 24, 2025 8:26 PM

बरहेट. संताल परगना के बरहेट के शिवगादी में बाबा गाजेश्वरनाथधाम विख्यात एवं प्रसिद्ध मंदिर है. प्राकृतिक रूप से जुड़ा यह मंदिर बाबा विश्वकर्मा द्वारा स्थापित किया गया है. यह मंदिर मिनी बाबा धाम के नाम से प्रसिद्ध है. जिसे भक्त बाबा गाजेश्वरनाथ, पहाड़ी बाबा कहकर पुकारते हैं. यह एक अद्भुत मंदिर होने के साथ-साथ अत्यंत प्राचीन और पौराणिक मान्यताओं वाला मंदिर है. बाबा गाजेश्वरनाथ का आकर्षक व मनोरम गर्भ गृह राजमहल की पहाड़ियों में प्रवेश द्वार के बिल्कुल ऊपर पर्वतराज की तरह खड़ा है. इस गृह गुफा के प्रवेश द्वार के ऊपर विद्यमान विशाल अक्षय वट वृक्ष भारत वर्ष में बोध गया के बाद यहां पाए गए है. इस वट वृक्ष की जड़ें प्रवेश द्वार की बायें ओर मंदिर सतह तक फैली हुई है. गर्भ गृह में भक्तों को बाबा गाजेशवरनाथ महादेव के पीताम्बरी शिवलिंग की दर्शन होते हैं. शिवलिंग के ठीक ऊपर की चट्टानों से साल भर बूंद–बूंद कर जल की बूंदें टपकती रहती है. ऐसा प्रतीत होता है कि प्रकृति स्वयं निरंतर भगवान शंकर का जलाभिषेक कराती रहती है. शिवलिंग के बायें ओर गुफा के अन्दर एक और गुफा है. ऐसा कहा जाता है कि इस गुफा मार्ग से पुराने समय में ऋषि उत्तर वाहिनी गंगा राजमहल से जल लाकर बाबा का जलाभिषेक एवं पूजा अर्चना किया करते थे. वर्तमान समय में इस गुफा के मुख को बंद कर दिया गया है. मंदिर के बाहर दाँयी ओर एक दूसरी सीढ़ी नंदी के पद चिन्ह तक जाकर मिलाते हुए दर्शन कराते हैं. इसे शिवगंगा भी कहा जाता हैं. यहां एक चट्टान पर नन्दी बैल के दो पैरों के निशान हैं. संथाल विद्रोह के नायक अमर शहीद सिदो कान्हू भी मंदिर में पूजा अर्चना किया करते थे. तब से यह संथालों के आस्था का केन्द्र है. यहां पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार से श्रद्धालु बड़े-बड़े वाहनों से यात्रा कर बाबा गाजेश्वरनाथधाम पहुंचने लगे हैं. श्रद्धालु महाशिवरात्रि के पूर्व अखाड़े को लेकर साफाहोड़ समाज के लोग भव्य पंडाल का निर्माण कार्य शुरू कर दिए हैं. साफाहोड समाज के लोग विदीन धर्म, सरना धर्म, सनातन धर्म के लोग अलग-अलग विधि- विधान से भगवान शिव की पूजा करते हैं.

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