पटसन को औने-पौने दाम पर बेचने को मजबूर हैं किसान

धान की फसल नहीं होने के बाद अब पटसन विक्रय पर संकट गहराया

By ABDHESH SINGH | August 11, 2025 8:34 PM

राजमहल/मंगलहाट. राजमहल प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत सैदपुर, मोकिमपुर, घाटजमनी पंचायत के विभिन्न गांवों में पटसन (जूट) की खेती भरपूर मात्रा में की जाती है. इसकी खेती बिना सिंचाई के हो जाती है. पशुओं द्वारा भी किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होता है. इसके रेशे बहुत ही कोमल होते हैं, जिससे गुणवत्तापूर्ण कपड़ा तैयार हो रही है. यह एक नकदी फसलों में से एक है. लेकिन इसकी खेती करने वाले किसान सरकारी प्रोत्साहन नहीं मिलने से पटसन (जूट) को औने-पौने दाम पर बेचने को मजबूर हैं. किसान सुवोल मंडल, सतीश मंडल, जोगेन मंडल, सावित्री देवी, रमेश मंडल, देवींद्र मंडल, राम मंडल, निताय मंडल, सीताराम मंडल ने बताया पटसन की खेती में जो मुनाफा होता है. वह अन्य खेती में हुए घाटे को पूरा कर देता है. सोचा था धान की खेती नहीं होने के बाद पटसन (जूट) की खेती में मुनाफा होगा. लेकिन अब इसकी बिक्री पर आफत आ गयी है. पहले तो धान की खेती नहीं होने के बाद किसानों को नुकसान पहुंचा है. अब पटसन को औने-पौने दामों में बेचकर किसानों पर हजारों का कर्ज बढ़ता जा रहा है. दिन-रात धूप, बरसात, बाढ़ झेलने के बाद किसान बिना रुके इसे तैयार करने में लगे रहते हैं. पटसन तैयार होने के बाद उचित राशि नहीं मिलने से काफी निराश हैं.

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