जलसहिया मानदेय में रिश्वतखोरी का आरोप, तीन हजार लेने के बाद भी भुगतान नहीं मिला

साहिबगंज के पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल की जलसहिया चुमकी सरदार ने मानदेय भुगतान में अनियमितता और अवैध वसूली का आरोप लगाया है। उनके 11 माह के बकाया 22,000 रुपये के बदले ग्राम चंदपुर के जलसहिया नूरूल ने “ऑफिस सेवा शुल्क” के नाम पर 3,000 रुपये फोनपे से मांगे और बिना भुगतान मानदेय न देने की बात कही। चुमकी ने भुगतान का फोटो भी प्रस्तुत किया है, लेकिन बकाया राशि नहीं मिली। नूरूल ने दस्तावेज जमा न होने का बहाना बनाकर मामला टालने की कोशिश की। वॉश कोऑर्डिनेटर सीता साहा और राजेश ने भी मामले को समाप्त करने दबाव डाला। चुमकी ने उपायुक्त से निष्पक्ष जांच और सख्त कार्रवाई की मांग की है।

By SUNIL THAKUR | October 14, 2025 4:59 PM

प्रतिनिधि, साहिबगंज. साहिबगंज के पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल के तहत कार्यरत जलसहिया चुमकी सरदार, जो पंचायत रिसोड, प्रखंड बरहरवा की निवासी हैं, ने मानदेय भुगतान में अनियमितता और अवैध वसूली का गंभीर आरोप लगाया है. चुमकी सरदार के अनुसार, उनके ग्यारह माह के बकाया मानदेय के एवज में ग्राम चंदपुर निवासी जलसहिया पति मा० नूरूल ने 3000 रुपये की मांग की थी. आरोप है कि नूरूल ने यह राशि “ऑफिस सेवा शुल्क” के नाम पर फोनपे के माध्यम से प्राप्त की और कहा कि बिना भुगतान मानदेय नहीं मिलेगा. चुमकी ने संबंधित भुगतान का फोटो प्रमाण भी संलग्न किया है. इसके बावजूद, तीन हजार रुपये देने के बाद भी उन्हें 22,000 रुपये का बकाया मानदेय अब तक प्राप्त नहीं हुआ. बाद में नूरूल ने कथित रूप से यह कहते हुए मामला रफा-दफा करने की बात कही कि दस्तावेज ऑफिस में जमा नहीं हो सका. चुमकी सरदार ने बताया कि इस पूरे मामले में सीता साहा और राजेश, दोनों वॉश कोऑर्डिनेटर, ने भी फोन पर मामले को समाप्त करने का दबाव डाला. उन्होंने कहा कि पूर्व में भी इसी तरह बकाया राशि के वितरण में अनियमितता की घटनाएं हो चुकी हैं. जलसहिया चुमकी सरदार ने उपायुक्त साहिबगंज से इस मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है, ताकि क्षेत्र में इस प्रकार की गलत परंपराओं पर रोक लगाई जा सके.

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