झारखंड में महिलाओं की भागीदारी मनरेगा में 50 प्रतिशत से भी कम, इन जिलों की स्थिति सबसे खराब

झारखंड में मनरेगा के कार्यों में महिलाओं की भागीदारी 50 प्रतिशत से भी कम है. आंकड़ों के मुताबिक 44.3 प्रतिशत ही भागीदारी हो सकी है. सबसे खराब स्थिति देवघर और गोड्डा जिले की है. दोनों जिले में 40 प्रतिशत से भी कम महिलाओं की भागीदारी है.

By Prabhat Khabar | September 28, 2021 12:39 PM

Womens in mgnrega jharkhand, Ranchi News रांची : मनरेगा के कार्यों में महिलाओं की भागीदारी 50 प्रतिशत से भी कम है. राज्य में औसत 44.3 प्रतिशत ही भागीदारी हो सकी है. सबसे खराब स्थिति देवघर और गोड्डा जिले की है. दोनों जिले में 40 प्रतिशत से भी कम महिलाअों की भागीदारी है. वहीं, 11 जिले (सिमडेगा, दुमका, खूंटी, धनबाद, पलामू, पाकुड़, जामताड़ा, गुमला, बोकारो, गोड्डा और देवघर) में औसत से भी कम महिलाएं काम कर रही हैं. कोडरमा की स्थिति अन्य जिलों से बेहतर है.

यहां मनरेगा कार्यों में महिलाओं की भागीदारी 49.5 प्रतिशत है. कोडरमा, पूर्वी सिंहभूम, गिरिडीह, हजारीबाग, चतरा, लोहरदगा, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां, साहिबगंज, गढ़वा, रांची व लातेहार जिले में औसत 44.3% से ज्यादा महिलाएं काम कर रही हैं. आंकड़ा हाल में मनरेगा कार्यों में लगे मजदूरों से संबंधित है.

विभाग के निर्देश पर भी नहीं सुधर रही स्थिति

ग्रामीण विकास सचिव और मनरेगा आयुक्त के निर्देश के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है. भारत सरकार ने भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का निर्देश दिया है. वहीं, महिला मेट के माध्यम से ही काम कराने को कहा गया है, फिर भी महिलाअों की भागीदारी नहीं बढ़ी है. ऐसे में फिर से उनकी भागीदारी को फोकस करने को कहा गया है.

Posted by : Sameer Oraon

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