political news : रघुवर जब सीएम थे, तो क्यों नहीं लिया पेसा पर निर्णय : कांग्रेस
कांग्रेस के मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा ने मुख्यमंत्री रघुवर दास के पेसा कानून पर दिये गये बयान पर पलटवार किया है.
रांची. कांग्रेस के मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा ने मुख्यमंत्री रघुवर दास के पेसा कानून पर दिये गये बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि सत्ता से अपदस्थ होने के बाद भाजपा आदिवासी समाज को गुमराह करने और उनका राजनीतिक लाभ उठाने में लगी है. श्री सिन्हा ने कहा कि श्री दास 2014 से 2019 की बात कर रहे हैं, जब वह मुख्यमंत्री थे. लेकिन, उन्होंने उस वक्त पेसा कानून पर निर्णय क्यों नहीं लिया. यदि भाजपा को आदिवासी समाज की इतनी ही चिंता थी, तो रघुवर दास बतायें कि अपने शासनकाल में सीएनटी/एसपीटी एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव क्यों तैयार कर राजभवन को भेजा. उन्होंने कहा कि जब सरना धर्म कोड हमने विधानसभा से पारित करने का काम किया, तो आज तक भाजपा के सात सांसद व दो मंत्री इसे केंद्र सरकार से पास क्यों नहीं कराये. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा का उद्देश्य आदिवासी स्वशासन नहीं, बल्कि भ्रम फैलाकर सत्ता प्राप्त करना है. भाजपा वही पार्टी है, जो कभी आदिवासियों को ईसाई बताकर उनकी नागरिकता और अधिकारों पर सवाल उठाती रही है. अब पेसा को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल कर रही है. महागठबंधन की सरकार पेसा नियमावली को लेकर गंभीर है और प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा आदिवासी अस्मिता, भाषा, संस्कृति और अधिकारों की लड़ाई लड़ी है. यूपीए की सरकार में वन अधिकार कानून लाकर इसे मजबूती भी प्रदान की. जबकि, वोट चोरी कर सत्ता में आनेवाली मोदी सरकार ने वन अधिकार कानून को ताक पर रख कर आदिवासियों की जमीन अपने पूंजीपति मित्रों के हवाले कर दिया.
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