पंचायत ने दी छह नवंबर से खुद स्लरी उठाव की चेतावनी

खलारी पंचायत में स्लरी (चूना-पत्थर से निर्मित तरल अवशेष) उठाव को लेकर एक बार फिर विवाद तेज हो गया है.

By DINESH PANDEY | November 3, 2025 6:38 PM

खलारी. खलारी पंचायत में स्लरी (चूना-पत्थर से निर्मित तरल अवशेष) उठाव को लेकर एक बार फिर विवाद तेज हो गया है. खलारी सीमेंट प्रबंधन द्वारा बिना वैध अनुमति के स्लरी उठाव किये जाने के विरोध में पंचायत प्रतिनिधियों ने कठोर रुख अपनाते हुए छह नवंबर 2025 से पंचायत स्तर पर स्वयं स्लरी उठाने का ऐलान किया है. इसे लेकर पंचायत सचिवालय खलारी में बैठक एक आयोजित की गई. अध्यक्षता पंचायत मुखिया तेजी किस्पोटा ने की. बैठक में विधायक प्रतिनिधि मोनू रजक, जिला परिषद सदस्य सरस्वती देवी, ‘दी खलारी सीमेंट वर्कर्स यूनियन’ के कार्यकारी अध्यक्ष रंजन सिंह बिट्टू सहित अन्य प्रतिनिधि उपस्थित थे. बैठक में पूर्व में किये गये आंदोलन एवं धरना की समीक्षा की गयी. बैठक के बाद थाना प्रभारी, खलारी के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया. ज्ञापन के माध्यम से थाना प्रभारी के संज्ञान में दिया गया कि 17 से 28 अप्रैल 2023 तक खलारी अंचल कार्यालय प्रांगण में स्लरी उठाव के खिलाफ धरना दिया गया था. तत्कालीन अंचल अधिकारी द्वारा ज्ञापन संख्या 53(2) दिनांक 30.01.2023 के द्वारा खलारी सीमेंट फैक्ट्री प्रबंधन को स्लरी उठाव पर रोक लगाने का आदेश दिया गया था. इसके बावजूद, फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा खनन विभाग से अनुमति होने का दावा करते हुए स्लरी उठाव जारी रखा गया. पंचायत प्रतिनिधियों के अनुरोध के बाद भी कोई भी वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया, जिससे स्थिति और विवादित हो गयी. बाद में सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत पूछे गए प्रश्नों के जवाब में जिला खनन कार्यालय ने स्पष्ट किया कि स्लरी उठाव के लिए कोई अनुमति पत्र जारी नहीं किया गया है. साथ ही, संबंधित लीज भूमि की वैधता भी समाप्त हो जाने की पुष्टि की गयी. बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि यदि खलारी सीमेंट अपने दावे के समर्थन में 5 नवंबर 2025 तक आवश्यक कागजात थाने या अंचल कार्यालय में पंचायत के समक्ष प्रस्तुत नहीं करती है, तो छह नवंबर से पंचायत स्तर से स्वयं स्लरी उठाव का कार्य किया जायेगा. पंचायत का दावा है कि स्लरी कचरा है, और पंचायती राज अधिनियम के तहत इसके निष्पादन और उपयोग का अधिकार पंचायत को प्राप्त है. बैठक में बाबू खान, उमेश यादव, महफूज अंसारी, प्रमोद यादव, मो. इस्माइल, याकुब अंसारी, मेराज अंसारी, अकबर अंसारी, तजमुल अंसारी, मो आशिक, मजहर आलम, सैयद अंसारी, संजय मुंडा, रवि टोप्पो, सत्येन्द्र खरवार, सद्दाम अंसारी, गौतम यादव, तारकेश्वर, तैबुन निशा, शहीद खातुन, यास्मिन नाज, प्रदीप टोप्पो, मानिक सेन सहित काफी संख्या में स्थानीय ग्रामीण उपस्थित थे.

खलारी में स्लरी उठाव को लेकर फिर गरमाया विवाद

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