Ranchi news : झारखंड राज्य जैव विविधता बोर्ड ने जैव विविधता अधिनियम किताब का संस्कृत में कराया अनुवाद
ऐसा करने वाला झारखंड पहला राज्य बन गया है
रांची.
झारखंड राज्य जैव विविधता बोर्ड ने जैव विविधता अधिनियम का संस्कृत में अनुवाद कराया है. ऐसा करने वाला झारखंड पहला राज्य बन गया है. इस संबंध में बोर्ड के सदस्य सचिव सह पीसीसीएफ संजीव कुमार ने कहा कि किसी भी विषय की जागरूकता के लिए भाषा का योगदान काफी महत्वपूर्ण है. इसके माध्यम से लोगों के बीच जागरूकता का संदेश देना आसान होता है. उन्होंने कहा कि भाषा की समृद्धि भी हमलोगों के बीच रहती है. इसी उद्देश्य से झारखंड जैव विविधता पर्षद ने मुंडारी, हो, संताली, पंचपरगनिया, खोरठा व नागपुरी भाषाओं में जैव विविधता से संबंधित मुद्दों पर पुस्तिका का निर्माण कराया है.संस्कृत भाषा को सभी भाषाओं की जननी कहा जाता है
उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा को सभी भाषाओं की जननी कहा जाता है. यह भाषा काफी समृद्ध है. उन्होंने कहा कि झारखंड जैव विविधता पर्षद ने राज्य की जैव विविधता से संबंधित जानकारी के लिए झारखंड राज्य में जैव विविधता अधिनियम का क्रियान्वयन संबंधी पुस्तक तैयार किया है. संस्कृत में झारखंड राज्ये जैव विविधता अधिनियमस्य क्रियान्वयनम पुस्तिका प्रकाशित है. इसे हू-बहू संस्कृत भाषा में भी अनुवाद किया गया है. संस्कृत भाषा में अनुवाद डॉ आनंद कुमार ने किया है. श्री कुमार दिल्ली विश्वविद्यालय के देशबंधु महाविद्यालय में प्रोफेसर हैं.
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