Ranchi news : बच्चों को संक्रमित रक्त चढ़ाने के मामले में जवाब देने के लिए मिला समय
मामला रांची, चाईबासा में बच्चों को संक्रमित खून चढ़ाने व नेशनल ब्लड पॉलिसी को लागू करने का.
By DEEPESH KUMAR |
November 19, 2025 8:48 PM
-मामला रांची, चाईबासा में बच्चों को संक्रमित खून चढ़ाने व नेशनल ब्लड पॉलिसी को लागू करने का.
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रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने रांची, चाईबासा में बच्चों को संक्रमित रक्त चढ़ाने के बाद एचआइवी संक्रमित होने के मामले को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान व जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने राज्य सरकार के शपथ पत्र पर प्रार्थी को जवाब दायर करने के लिए समय देने के आग्रह को स्वीकार कर लिया. खंडपीठ ने राज्य सरकार से कहा कि मामला काफी गंभीर है. स्थिति को सुधारने के लिए क्या कदम उठाया गया है. चाईबासा के मामले में जो समिति बनायी गयी थी, वह क्या कर रही है, उसकी भी जानकारी देने को कहा गया. मामले की सुनवाई के लिए 10 दिसंबर की तिथि निर्धारित की गयी. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से (एमीकस क्यूरी) अधिवक्ता खुशबू कटारूका ने बताया कि राज्य सरकार के शपथ पत्र में दिये गये तथ्य सही प्रतीत नहीं हो रहे हैं. सरकार ने कहा है कि 60 प्रतिशत ब्लड कैंप लगा कर एकत्रित किये गये हैं, जो सही नहीं हैं. प्रार्थी ने सरकार के जवाब पर प्रति उत्तर दायर करने के लिए समय देने का आग्रह किया. वहीं जनहित याचिकाकर्ता लाइफ सेवर रांची की ओर से अधिवक्ता शुभम कटारुका ने पक्ष रखा. उल्लेखनीय है कि चाईबासा सदर अस्पताल में खून चढ़ाने के बाद पांच बच्चे एचआइवी पॉजिटिव पाये गये थे, जिनमें एक सात वर्षीय थैलेसीमिया पीड़ित भी शामिल है. इससे संबंधित खबर प्रभात खबर में प्रकाशित होने के बाद झारखंड हाइकोर्ट ने उसे गंभीरता से लेते हुए स्वत: संज्ञान लिया है. इससे पहले भी थैलेसीमिया पीड़ित एक बच्चे को रांची सदर अस्पताल में खून चढ़ाया गया था. उसके बाद उसे एचआइवी संक्रमित पाया गया था. बच्चे के पिता ने हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखा था. हाइकोर्ट ने पत्र को गंभीरता से लेते हुए उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था. वहीं लाइफ सेवर रांची के अतुल गेरा ने जनहित याचिका दायर कर झारखंड में नेशनल ब्लड पॉलिसी को लागू कराने की मांग की है.
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