Ranchi News : हरितालिका तीज पर भी नहीं डिगी जिम्मेदारी, निर्जला व्रत में निभाया कर्तव्य
राज्य की महिला मंत्री और विधायक मंगलवार को हरितालिका तीज के अवसर पर आस्था और दायित्व दोनों का निर्वहन किया.
निर्जला व्रत रखते हुए विधानसभा सत्र में शामिल हुईं महिला मंत्री-विधायक
रांची. राज्य की महिला मंत्री और विधायक मंगलवार को हरितालिका तीज के अवसर पर आस्था और दायित्व दोनों का निर्वहन किया. भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना के लिए निर्जला व्रत रखने के बावजूद उन्होंने विधानसभा सत्र में सक्रिय भूमिका निभायी. विधानसभा सत्र के दौरान जब प्रभात खबर ने उनसे बात की तो सभी में एक बात कॉमन दिखी वह थी धर्म और अपने संस्कृति के प्रति उनकी गहरी आस्था और परंपराओं के प्रति गहरा जुड़ाव.धर्म और कर्तव्य दोनों महत्वपूर्ण
मैं पिछले 22 वर्षों से पूरी श्रद्धा के साथ यह व्रत कर रही हूं. यह सुहागिन महिलाओं का पर्व है, जो पति की लंबी आयु और अखंड सौभाग्य की कामना के लिए रखा जाता है. आज भी निर्जला उपवास के साथ कार्य करना पड़ा, लेकिन धर्म और कर्तव्य दोनों हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं. झारखंड की सभी माता और बहनें आस्था के साथ यह पर्व कर रही हैं. इस व्रत को निष्ठा से करने वाली महिलाओं को माता पार्वती का आशीर्वाद मिलता है. उनके दांपत्य जीवन में सुख और समृद्धि बनी रहती है. जिस तरह उन्होंने शिवजी को पाने के लिए तप किया, उसी प्रकार सुहागिन महिलाएं भी इस दिन निर्जला व्रत रखकर अपने वैवाहिक जीवन की सुख-शांति और पति की दीर्घायु की प्रार्थना करती हैं.दीपिका पांडेय सिंह, ग्रामीण विकास मंत्री——————————-
विवाहित महिलाओं के लिए अत्यंत शुभ व्रत
वर्ष 1995 में हमारी शादी हुई थी. इसके ठीक अगले साल साल 1996 से हम इस व्रत को बिना रुके हर साल कर रहे हैं. हरतालिका तीज का व्रत विवाहित महिलाओं के लिए बहुत ही खास और शुभ माना जाता है. तीज के दिन महिलाएं विशेष शृंगार करती हैं. यह निर्जला व्रत है. इसलिए आज मैं इसी रूप में विधानसभा पहुंची हूं. वह नये वस्त्र धारण करती हैं, हाथों में चूड़ियां पहनती हैं और मेहंदी से अपने हाथ सजाती हैं. माता पार्वती ने सबसे पहले इस व्रत को अपने पति भोलेनाथ के लिए किया था. जंगल में बालू की प्रतिमा बनाकर वह पूजन की थी. पूरे झारखंड को इस पावन पर्व पर बधाई. राज्य की सभी माता-बहनों को तीज की शुभकामनाएं.नीरा यादव, पूर्व शिक्षा मंत्री
————————–व्यस्तता के बावजूद परंपरा निभाना गर्व की बात
सुहागिन महिलाएं इस दिन निर्जला व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं. मान्यता है कि यह व्रत पति की लंबी आयु, दांपत्य सुख और अखंड सौभाग्य प्रदान करता है. यह पर्व सच्चे रिश्ते के लिए भी है, जैसा नाता इस राज्य और यहां के लोगों के साथ है. विवाहित महिलाओं के लिए पति की लंबी आयु, अखंड सौभाग्य और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करने का महत्वपूर्ण धार्मिक उत्सव है. लगभग पांच साल से निर्जला उपवास रखती हूं. काम कितना भी क्यों न हो, आज सभी की तरह मैं न तो अन्न ग्रहण करती हूं और न ही जल. यह कठिन तप माता पार्वती के कठोर तप का प्रतीक माना जाता है. पूजन सामग्री के नदी में प्रवाह के साथ ही व्रत पूरा होगा.
मंजू कुमारी, जमुआ विधानसभाडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
