Ranchi News जैन श्वेतांबर तेरापंथ संघ ने मनाया संवत्सरी दिवस
जैन श्वेतांबर तेरापंथ संघ की ओर से पर्युषण पर्व को संवत्सरी दिवस के रूप में मनाया गया.
रांची. जैन श्वेतांबर तेरापंथ संघ की ओर से पर्युषण पर्व को संवत्सरी दिवस के रूप में मनाया गया. श्री दिगंबर जैन भवन में उपासिका संतोष श्रीमाल और सीमा डूंगरवाल ने धर्म आराधना और प्रवचन के माध्यम से उपासकों का मार्गदर्शन किया. उन्होंने भगवान महावीर के साधना काल, उपदेश और सिद्धांतों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि संवत्सरी पर्व लोकोत्तर और त्रैकालिक पर्व है. इसे पर्वाधिराज भी कहा जाता है. संवत्सरी का संबंध किसी तीर्थंकर के जन्म या निर्वाण से नहीं, बल्कि मानव संस्कृति और त्याग से है. इस दिन उपवास, जप, तप, सामायिक, पौषध और अन्य धार्मिक क्रियाओं से आत्मा को शुद्ध करने की परंपरा है. प्रवचन के दौरान भगवान महावीर के पूर्व 26 भवों का परिचय भी श्रद्धालुओं को कराया गया. गुरुवार की सुबह 10 बजे क्षमायाचना का कार्यक्रम होगा, जिसमें उपासकों और तपस्या करने वालों का सम्मान किया जायेगा. महिला और बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये जायेंगे. सभा के अध्यक्ष विमल दस्सानी और मंत्री घेवर चंद नाहटा ने सभी समाज के लोगों से क्षमायाचना सह विदाई समारोह में भाग लेने का आग्रह किया. इस अवसर पर प्रवचन में विनोद बैंगानी, लाल चंद बोथरा, अशोक सुराणा, राकेश बछावत, पुखराज बेगवानी, कमला नाहटा, सुनीता सिंघी, सुमन बरमेचा, चंचल नाहटा, चंदा बोथरा, सोनू संचेती, खुशबु दस्सानी, नेहा बैंगानी, दिशा बैंगानी, उषा पिंचा, ज्योति दुग्गड़ सहित अन्य श्रद्धालु उपस्थित रहे.
जैन श्वेतांबर मंदिर डोरंडा में भगवान की प्रक्षाल पूजा
इधर, जैन श्वेतांबर मंदिर, डोरंडा में भी सुबह भगवान की प्रक्षाल पूजा, अभिषेक और स्नात्र पूजा संपन्न हुई. इसके बाद स्वध्यायी जिनांग धीरेन साह और हर्षिल सुरेश साह द्वारा प्रवचन दिये गये. इस अवसर पर सभी ने भगवान के जन्म, दीक्षा और मोक्ष कल्याणक के चित्रों का दर्शन कर पुण्य प्राप्त किया. शाम को सामूहिक प्रतिक्रमण हुआ, जिसमें शांति लाल रामपुरिया, प्रमोद बोथरा, अनिल कोठारी, विनय नाहटा, श्रीलाल सेठिया, संजय कोठारी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए.
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