Ranchi News : सड़क दुर्घटनाओं में मृतक व जख्मियों की संख्या 15 प्रतिशत बढ़ी

सड़क सुरक्षा कोषांग के डीआइजी धनंजय कुमार सिंह ने अपनी रिपोर्ट में किया खुलासा

By SHRAWAN KUMAR | May 19, 2025 12:31 AM

अमन तिवारी, रांची. राज्य के विभिन्न जिलों में वर्ष 2024 के फरवरी-मार्च की अपेक्षा वर्ष 2025 के फरवरी-मार्च में हुई सड़क दुर्घटनाओं में मृतक और जख्मियों की संख्या में औसतन 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. इसको लेकर एडीजी अभियान डॉ संजय आनंद राव लाठकर ने नाराजगी जाहिर की है. इस बात का खुलासा सड़क सुरक्षा कोषांग के डीआइजी धनंजय कुमार सिंह ने अपनी रिपोर्ट में किया है. रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख है कि तुलनात्मक अवलोकन करने पर पाया गया कि गोड्डा, साहिबगंज, सरायकेला, सिमडेगा, देवघर, खूंटी, लातेहार, हजारीबाग, रांची, चाईबासा, पलामू, गुमला और जमशेदपुर में वर्ष 2025 के फरवरी-मार्च माह में हुई सड़क दुर्घटना में घायलों और चोटिल की संख्या बढ़ी है. साथ ही वर्ष 2024 की तुलना में वर्ष 2025 फरवरी-मार्च माह में सड़क दुर्घटनाओं में मृतकों की संख्या गोड्डा, सरायकेला, साहिबगंज, जामताड़ा, देवघर, हजारीबाग, रांची, चतरा, सिमडेगा, खूंटी, गिरिडीह, पाकुड़, लातेहार, रामगढ़ और दुमका में बढ़ी है. वहीं 2024 के फरवरी-मार्च की अपेक्षा वर्ष 2025 में फरवरी से मार्च तक पूरे राज्य में मोटर वाहन अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत काफी कम कार्रवाई की गयी है. जिसमें बिना लाइसेंस के 4036, ओवर स्पीडिंग में 3534, रेड लाइट जंप करने में 394, वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का उपयोग करने में 738, रॉग साइड वाहन चलाने में 463, नशे में वाहन चलाने में 320, अतिरिक्त यात्रियों को बैठाने के मामले में 637, बिना सीट बेल्ट के 3380, बिना हेलमेट बाइक पर पीछे बैठाने वालों के खिलाफ 4655, बिना हेलमेट पहने वाहन चलाने पर 11,0370 पर की कार्रवाई की गयी है. रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख है कि फरवरी में मधुबन थाना क्षेत्र में सड़क दुर्घटना के बाद पूरे राज्य में बिना हेलमेट वाहन चलाने, बिना सुरक्षा उपकरण के वाहन चलाने, शराब के नशे में और ओवर स्पीडिंग वाहन चलाने वाले के खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम के तहत कार्रवाई को लेकर अभियान चलाया गया था. लेकिन पुलिस की कार्रवाई को लेकर असंतोष जाहिर किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार ड्रंक एंड ड्राइव के मामले में काफी कम कार्रवाई की गयी है. जबकि सभी जिलों में ब्रेथ एनालाइजर उपलब्ध कराया गया है. रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख है कि सड़क दुर्घटना का डाटा खूंटी, गढ़वा, चतरा, जमशेदपुर, दुमका, पलामू, पाकुड़ और हजारीबाग में अपडेट नहीं किया गया है, क्योंकि वर्ष 2025 फरवरी से मार्च माह में पूरे राज्य में 1028 दुर्घटनाएं हुई थी. लेकिन 867 दुर्घटनाओं को अपडेट किया गया था. पुलिस की इस स्थिति को एडीजी अभियान ने काफी खेदजनक बताया है. दुर्घटनाओं को लेकर एडीजी ने नये ब्लैक स्पॉट चिह्नित करने, दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सड़क दुर्घटना का विश्लेषण करने, अभियान चलाने सहित अन्य बिंदुओं पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. सड़क दुर्घटना के बाद घटनास्थल पर सही समय में एंबुलेंस पहुंचे, इस पर ध्यान रखने का निर्देश दिया गया है. अधिकतर जिलों में फर्स्ट एड किट की सुविधा भी नहीं : एडीजी अभियान की समीक्षा में पाया गया कि अधिकतर जिलों में फर्स्ट एड किट की सुविधा नहीं है. इसे काफी दुर्भाग्यपूर्ण बताया गया. एडीजी अभियान ने सभी एसपी को निर्देश दिया है कि वे अविलंब सभी थाना में फर्स्ट एड किट की सुविधा उपलब्ध करायें. इसे उपलब्ध कराने के दौरान दवाइयों की एक्सपायरी चेक कर लें. सभी एसपी को यह भी निर्देश दिया गया है कि डीसी और सिविल सर्जन से सहयोग लेकर सभी कर्मी और पदाधिकारियों को फर्स्ट एड का प्रशिक्षण दिया जाये.

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