Ranchi News : सो सतगुरु प्यारा मेरे नाल है…शबद कीर्तन ने संगत को किया निहाल

कृष्णा नगर कॉलोनी स्थित गुरुद्वारा साहिब में रविवार को गुरुद्वारा श्री गुरुनानक सत्संग सभा द्वारा श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का पहला प्रकाश पर्व श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया गया.

By Raj Kumar | August 24, 2025 9:35 PM

गुरुद्वारा साहिब में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का पहला प्रकाश पर्व मनाया गया

शबद कीर्तन, अरदास और गुरु का अटूट लंगर रहा मुख्य आकर्षण

रांची. कृष्णा नगर कॉलोनी स्थित गुरुद्वारा साहिब में रविवार को गुरुद्वारा श्री गुरुनानक सत्संग सभा द्वारा श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का पहला प्रकाश पर्व श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया गया. इस अवसर पर विशेष दीवान सजाया गया, जिसमें सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 7:40 बजे हुई, जब हजूरी रागी जत्था महिपाल सिंह ने आसा दी वार का कीर्तन कर वातावरण को भक्तिमय बना दिया. इसके बाद गुरुद्वारा के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी जिवेंदर सिंह ने संगत को पहले प्रकाश पर्व के महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि श्री गुरु नानक देव जी से लेकर गुरु राम दास जी तक की वाणी श्री पोथी साहिब में लिखी जाती थी. सन 1604 में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का पहला प्रकाश पर्व मनाया गया. दीवान के दौरान लखनऊ से पधारे रागी भाई सुखप्रीत सिंह ने गुर राम दास राखो शरनाई…, सो सतगुर प्यारा मेरे नाल है…और हम बैठे तुम देहो असीसां…समेत कई शबद कीर्तन प्रस्तुत कर साध संगत को निहाल किया. कार्यक्रम का समापन श्री आनंद साहिब जी के पाठ, अरदास, हुकुमनामा और कढ़ाह प्रसाद वितरण के साथ दिन के 11 बजे हुआ.

इसके बाद गुरु का अटूट लंगर चलाया गया, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया. इस अवसर पर गुरुनानक सत्संग सभा के प्रधान अर्जुन देव मिढ़ा व सचिव सुरेश मिढ़ा ने भाई सुखप्रीत सिंह और उनके साथियों को गुरु घर का सरोपा भेंट कर सम्मानित किया. इसके अलावा कार्यक्रम में सहयोग के लिए विनोद मालाकार और गुड्डू साउंड को भी सरोपा देकर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम का संचालन मनीष मिढ़ा ने किया. पूरे आयोजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे और गुरु की बाणी का रसपान किया.

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