राज्य में जल्द शुरू होगी 444 बालू घाटों की नीलामी प्रक्रिया

राज्य के सभी जिलों में 444 बालू घाटों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है.

By PRAVEEN | August 19, 2025 12:25 AM

रांची. राज्य के सभी जिलों में 444 बालू घाटों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है. जिलों को मॉडल टेंडर डॉक्यूमेंट भेज दिये गये हैं. कहा गया है कि इसके आधार पर टेंडर कर नीलामी को संपन्न करायें. रांची जिले में भी तैयारी शुरू कर दी गयी है. गौरतलब है कि बालू घाटों पर संचालन का अधिकार 15 अगस्त तक झारखंड राज्य खनिज विकास निगम (जेएसएमडीसी) के पास था. जेएसएमडीसी को आगे अवधि विस्तार नहीं किया गया. पूर्व में ही बालू खनन की नियमावली जारी कर दी गई है. इसके साथ ही सारे बालू घाटों पर स्वामित्व अब खान एवं भूतत्व विभाग के पास आ गया है. खान निदेशक राहुल कुमार सिन्हा ने डीसी को मॉडल टेंडर डॉक्यूमेंट भेजते हुए कहा गया है कि राज्य में बालू घाटों का संचालन द झारखंड सैंड माइनिंग रूल्स 2025 के तहत इ-ऑक्शन के माध्यम से किया जाना है. इ-ऑक्शन की प्रक्रिया जिला स्तर पर झारखंड टेंडर के वेबसाइट के माध्यम से किया जाना है. इधर, रांची में प्रक्रिया आरंभ कर दी गयी है. रांची के कुल 19 घाटों का टेंडर किया जाना है. इसके लिए डीसी व डीएमओ कार्यालय द्वारा तैयारी शुरू कर दी गयी है. बताया गया कि सितंबर के पहले सप्ताह तक टेंडर निकाल दिया जायेगा.

रिजर्व प्राइस के अनुरूप देना होगा शुल्क

मॉडल टेंडर डॉक्यूमेंट के अनुसार बालू घाटों के रिजर्व प्राइस के अनुरूप ही प्रोसेसिंग फीस देनी होगी. जैसे 70 लाख का रिजर्व प्राइस है तो 600 रुपये फीस देनी होगी. वहीं 70 लाख से तीन करोड़ तक रिजर्व प्राइस है तो 3600 रुपये तथा इससे अधिक होने पर छह हजार रुपये प्रोसेसिंग फीस ऑनलाइन जमा करनी होगी. इसके बाद ऑनलाइन टेंडर डॉक्यूमेंट जमा करना होगा. फिर ऑनलाइन बोली की प्रक्रिया शुरू होगी. सबसे अधिक बोली लगानेवाले को ही बालू घाट की बंदोबस्ती की जायेगी. बोली में भाग लेने के लिए न्यूनतम दर का 10 प्रतिशत हिस्सा इएमडी के रूप में जमा करना होगा. बोली सफल होने के बाद यदि घाट चलाने से इनकार करते हैं तो उनकी राशि जब्त कर ली जायेगी.

डीएमएफटी में भी देनी होगी राशि

बालू की टेंडर प्रक्रिया में कई शर्तें भी रखी गयीं हैं. इसके तहत बालू खनन के लिए बोली लगाने में सफल होने पर टेंडर की कुल राशि का 10 प्रतिशत राशि जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी) के खाते में जमा करनी होगी. इसके अलावा रॉयल्टी, जीएसटी, और अन्य शुल्कों का भुगतान जिला खनन कार्यालय में करना होगा. भुगतान के लिए एक तय समय-सारिणी भी दी गयी है: पहली किस्त (50%) बोली लगने के बाद देनी होगी, दूसरी किस्त (25%) 15 अक्टूबर तक और तीसरी किस्त (25%) 15 जनवरी तक देनी होगी. यदि कोई बोली लगाने वाला समय पर किस्त का भुगतान नहीं करता है, तो ई-चालान जेनरेट होना बंद हो जायेगा. खनन पट्टाधारी को खनन क्षेत्र के लिए पर्यावरण और जल एवं जलवायु संरक्षण मंत्रालय और सिया द्वारा जारी पर्यावरण स्वीकृति की शर्तों का पालन करना होगा. खनन पट्टाधारी को अगले वर्ष के लिए खनन की अनुमति के नवीनीकरण के लिए आवेदन करना होगा. सभी खनन पट्टाधारी को जिम्स पोर्टल के माध्यम से मासिक प्रगति रिपोर्ट ऑनलाइन जमा करनी होगी. बालू का परिवहन सरकार द्वारा जारी ऑनलाइन ई-चालान के माध्यम से ही किया जायेगा. बालू खनन की अधिकतम गहराई 03 मीटर से अधिक नहीं होगी, या जब तक नदी का तल न दिख जाये, दोनों में से जो भी पहले हो. यदि खनन पट्टाधारी पर्यावरणीय स्वीकृति की शर्तों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ झारखंड मिनरल्स नियम, 2017 के तहत कार्रवाई की जायेगी. अवैध खनन पर कार्रवाई का प्रावधान है.

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