Political news : राज्य ने कोयला सेस में हिस्सेदारी मांगी, खनन से हुए नुकसान पर मांगा मुआवजा

बोली राज्य सरकार : जीएसटी की नयी दर से होनेवाले राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए हमारे पास उपाय नहीं.

By RAJIV KUMAR | September 7, 2025 12:13 AM

रांची. राज्य सरकार ने जीएसटी काउंसिल में कोयला खनन को लेकर अपनी मांग रखी है. राज्य सरकार का कहना है कि झारखंड के बड़े क्षेत्र में कोयला खनन होता है. कोयला पर सेस के अंतर्गत वसूली जानेवाली रकम में झारखंड को उसका हक मिलना चाहिए. साथ ही केंद्र से कोयला खनन और इलाके में परिवहन से होनेवाले नुकसान और प्रदूषण को देखते हुए उचित मुआवजा मांगा गया. राज्य सरकार का कहना था कि हम पूरे देश को खनिज संसाधन देते हैं. उत्खनन से विस्थापन के साथ-साथ कई तरह का दंश झेल रहे हैं. ऐसे में केंद्र सरकार को झारखंड पर विशेष ध्यान देना चाहिए. राज्य सरकार की ओर से जीएसटी काउंसिल में बताया गया कि एक अनुमान के अनुसार, जीएसटी की दरों में रेशलाइजेशन से 85 हजार से दो लाख करोड़ तक का नुकसान होगा. केंद्र सरकार के पास प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष कर के कई स्रोत हैं, लेकिन राज्य के पास राजस्व प्राप्ति के उपाय नहीं है. राज्यों की बड़ी निर्भरता जीएसटी पर है. इससे राज्य के वित्तीय स्वास्थ्य पर इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा और व्यय की क्षमता घटेगी.

कोरोना काल में मिले ऋण को माफ करने की मांग

जीएसटी काउंसिल की बैठक में कहा गया कि राज्य को केंद्र ने कोरोना काल में मुआवजा के रूप में ऋण दिया था. इससे राज्य पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ा है. इस ऋण को झारखंड जैसे गरीब राज्यों के लिए माफ करने की योजना शुरू की जानी चाहिए. राज्य को आर्थिक रूप से स्थिर बनाने और समृद्ध करने के लिए ऋण का बोझ कम करना होगा.

झारखंड ने अपने हक की बात रखी : वित्त मंत्री

वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि जीएसटी काउंसिल में झारखंड ने अपने हक की बात रखी है. हमने केंद्र सरकार को तार्किक रूप से समझाने की कोशिश की है कि केंद्र सरकार को हमें विशेष वित्तीय मदद देनी होगी. हमने काउंसिल की बैठक में झारखंड का राजस्व बढ़ाने के उपाय पर चर्चा की है. हमारे संसाधन का दोहन हो रहा है, तो हमें उसका वाजिब हक मिलना चाहिए.

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