झारखंड स्टार्टअप पॉलिसी की हालत खस्ता, सिर्फ 40 को ही मिला सरकार की नीति का लाभ

बीते तीन वर्षों से राज्य के एक भी स्टार्टअप को झारखंड स्टार्टअप पॉलिसी का लाभ नहीं मिला सका. पदाधिकारियों का कहना है कि राज्य में स्टार्टअप पॉलिसी को बढ़ावा देने के लिए फंड जारी नहीं किया गया.

By Prabhat Khabar | January 16, 2023 11:56 AM

इस उद्देश्य के साथ 2016 में केंद्र सरकार की स्टार्टअप पॉलिसी को ध्यान में रखकर 2016 में झारखंड स्टार्टअप पालिसी बनायी गयी. इसके तहत 2018 में 107 स्टार्टअप (कृषि एवं अनुसंधान, विज्ञान एवं प्राैद्योगिकी, इ-कॉमर्स समेत अन्य बिजनेस मॉडल) को चिह्नित किया गया. लेकिन, इनमें से ज्यादातर स्टार्टअप सरकार की जटिल प्रक्रिया में उलझ गये. आलम यह है कि चिह्नित हुए स्टार्टअप में से 40 को ही राज्य सरकार की नीति का लाभ मिला. शेष सभी स्टार्टअप लागत के नुकसान के बाद बंद हो गये. जबकि, अब सरकार युवाओं के बीच उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए नयी झारखंड स्टार्टअप पॉलिसी-2023 लागू करने में जुटी हुई है. पेश है अभिषेक रॉय की रिपोर्ट…

राज्य में बीते तीन वर्ष में एक भी स्टार्टअप को नहीं मिला लाभ

दूसरी ओर बीते तीन वर्षों से राज्य के एक भी स्टार्टअप को झारखंड स्टार्टअप पॉलिसी का लाभ नहीं मिला सका. पदाधिकारियों का कहना है कि राज्य में स्टार्टअप पॉलिसी को बढ़ावा देने के लिए फंड जारी नहीं किया गया. जबकि, पॉलिसी के तहत स्टार्टअप का चयन होने पर आइडिया के प्रोटोटाइप ग्रांट के लिए 10 लाख रुपये तक की राशि देने का प्रावधान है. इसके अलावा स्टार्टअप की उचित मार्केटिंग के लिए 10 लाख रुपये का अनुदान, स्टार्टअप संचालित करने के लिए पर्याप्त जगह और स्टार्टअप के फाउंडर और को-फाउंडर (तीन सदस्य) को 8500 रुपये प्रति माह का स्टाइपेंड दिये जाने की बात की गयी थी.

स्टार्टअप आइडिया को सहयोग करेगी ‘star8up.com’

राज्य में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए रांची के रवि रंजन और संदीप रंजन सहाय नेशनल स्टार्टअप डे के मौके पर सोमवार को ईस्ट जेल रोड में ‘star8up.com’ वेबसाइट की शुरुआत कर रहे हैं. रवि ने बताया कि इसके माध्यम से राज्य के स्टार्टअप आइडिया को धरातल पर लाने में सहयोग किया जायेगा. इसके तहत किसी भी स्टार्टअप के आइडिएशन, लीगल डॉक्यूमेंटेशन,

प्रमोशन, मार्केटिंग, आइटी सपोर्ट, सीड फंडिंग, को-वर्किंग स्पेस समेत अन्य सुविधाएं दी जायेंगी. इसका उद्घाटन आजसू प्रमुख सह पूर्व उप मुख्यमंत्री सुदेश महतो करेंगे. यह संस्था विभिन्न स्टार्टअप आइडिया को एंड-टू-एंड सर्विस की सुविधा देगी. साथ ही समय-समय पर बेस्ट स्टार्टअप आइडिया को सम्मानित कर उसे केंद्रीय व राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ हासिल करने में हर संभव सहयोग करेगी.

युवा बैंक लोन के भरोसे चला रहे स्टार्टअप

1. 2017 में बेस्ट झारखंड स्टार्टअप का अवार्ड रांची के ‘कबाड़ी डॉट कॉम’ को मिला था. पॉलिसी के तहत स्टार्टअप के लिए जगह से लेकर अन्य आर्थिक सुविधा देने की बात कही गयी थी. जबकि, 2018 तक किसी तरह का सहयोग नहीं मिला. इसके बाद स्टार्टअप के फाउंडर शुभम जायसवाल ने बैंक लोन की ओर रुख किया. वर्तमान में शुभम 20 लाख रुपये के कर्ज में हैं, जिसे 2025 तक चुकाने का समय मिला है.

2. 2018 में बूटी मोड़ के निशांत कुमार ने एक्वा फार्मिंग के तहत अपने स्टार्टअप ‘किंगफिशरीज’ की शुरुआत की. लेकिन, बार-बार विभाग का चक्कर काटने के बाद भी झारखंड स्टार्टअप पॉलिसी से किसी तरह का लाभ उन्हें नहीं मिला. स्टार्टअप को जारी रखने के लिए निशांत ने बैंक से 60 लाख रुपये का लोन लिया, जिसे 2026 तक चुकाना है. केंद्रीय योजना का भी सहयोग लिया. इसके तहत 50% सब्सिडी राज्य सरकार को देनी है, जो नहीं मिल रही है.

जेनफेस्ट से स्टार्टअप इको-सिस्टम होगा तैयार

अखिल भारतीय कायस्थ महासभा की ओर से कडरू मैदान में 27 से 29 जनवरी तक ‘जेनफेस्ट 2023’ का आयोजन किया जायेगा. जेनफेस्ट के जरिये राज्य के स्टार्टअप आइडिया के लिए इकाे-सिस्टम तैयार करने की पहल की जायेगी. महासभा के प्रदेश महामंत्री निकेश कुमार लाल ने बताया कि आनेवाले दिनों में इंक्यूबेशन सेंटर को स्थापित करने का काम किया जायेगा, जो स्टार्टअप को आगे बढ़ने में सहयोग करेगी.

इसके साथ ही पीपीपी मोड पर स्पेशल पर्पस व्हीकल (एसपीवी) स्थापित किया जायेगा, जो सरकार और स्टार्टअप के बीच समन्वय स्थापित कर सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का काम करेगा. जेनफेस्ट में सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया (एसटीपीआइ) की ओर से 15 स्टॉल होंगे, जहां स्वतंत्र रूप से संचालित हो रहे स्टार्टअप हिस्सा लेकर दूसरों को प्रेरित करने का काम करेंगे. इसके अलावा जेनफेस्ट में राज्य के विभिन्न शैक्षणिक संस्था बीआइटी सिंदरी, बीआइटी मेसरा, रांची यूनिवर्सिटी, सरला बिरला यूनिवर्सिटी, आइएसएम पुंदाग, आइआइएम समेत अन्य से प्रतिभागी स्टार्टअप आइडिया चैलेंज में हिस्सा लेंगे. जहां, बेस्ट फाइव आइडिया का चयन कर इसे राज्य सरकार को भेजा जायेगा.

फरवरी में लागू होगी नयी झारखंड स्टार्टअप पॉलिसी

अटल बिहारी वाजपेयी इनोवेशन लैब को सक्रिय करने के लिए नये निदेशक का चयन कर लिया गया है. राज्य सरकार युवाओं को स्टार्टअप के जरिये बढ़ावा देने में जुटी है. विभिन्न विभागों से स्टार्टअप को किस प्रकार सहयोग कर सकते हैं, इसके बारे में राय मांगी गयी है. इसके अलावा आइटी विभाग नयी झारखंड स्टार्टअप पॉलिसी को अंतिम रूप देने में लगा है. फरवरी में इसे चालू कर दिया जायेगा.

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