Ranchi News : नवरात्र उपवास : तन, मन और आत्मा की शुद्धि का पर्व
शारदीय नवरात्र शुरू होने में कुछ ही दिन शेष रह गये हैं. मां दुर्गा की आराधना और शक्ति साधना का यह पर्व पूरे देश में उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जायेगा.
तनाव घटाने से लेकर हृदय को स्वस्थ रखने तक, नौ दिन का उपवास है लाभकारी
रांची. शारदीय नवरात्र शुरू होने में कुछ ही दिन शेष रह गये हैं. मां दुर्गा की आराधना और शक्ति साधना का यह पर्व पूरे देश में उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जायेगा. नौ दिनों तक व्रत और साधना करने वाले श्रद्धालु न केवल देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करते हैं, बल्कि मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक रूप से भी लाभान्वित होते हैं. धार्मिक दृष्टि से उपवास आत्मसंयम और साधना का प्रतीक है, तो वैज्ञानिक दृष्टि से यह शरीर को डिटॉक्स करने, पाचन को मजबूत बनाने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का अवसर है. उपवास मन को शांत करता है, एकाग्रता बढ़ाता है और तनाव को कम करता है. वहीं, आध्यात्मिक स्तर पर साधना और भक्ति से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. यही कारण है कि नवरात्र का व्रत केवल परंपरा नहीं, बल्कि संपूर्ण जीवन शक्ति को जागृत करने का साधन माना गया है.क्या है धार्मिक महत्वनौ दिनों के उपवास के दौरान व्रतधारियों को किसी प्रकार की थकान महसूस नहीं होती. धार्मिक गुरुओं के अनुसार, उपवास के दौरान आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता है, जो थकान को कम कर देता है और शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है. उपवास से आत्मा और शरीर की शुद्धि होती है. उपवास और पूजा के माध्यम से देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है. इसके साथ ही मन की एकाग्रता और शांति भी बढ़ती है.
क्या है वैज्ञानिक महत्वव्रत के दौरान शरीर में फैट बर्निंग की प्रक्रिया तेज होती है, जिससे वजन घटता है. चिकित्सकों के अनुसार, कम भोजन लेने से शरीर डिटॉक्स होता है. पाचन तंत्र पर दबाव घटने से उसे आराम मिलता है और वह मजबूत बनता है. सात्विक भोजन और कम नमक का सेवन करने से ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है. कोलेस्ट्रॉल स्तर घटने से हृदय की सेहत सुधरती है. उपवास से मस्तिष्क की कार्यक्षमता बढ़ती है. साधारण भोजन करने से तनाव का स्तर कम होता है, पाचन दुरुस्त रहता है और नींद बेहतर आती है.
शारीरिक शक्ति का संचारनवरात्र के उपवास में फलाहार करने वाले व्रतधारी ऊर्जावान बने रहते हैं. डायटिशियन के अनुसार, फल शरीर को हाइड्रेटेड रखते हैं और पाचन तंत्र को आराम देते हैं. इनमें आवश्यक पोषक तत्व, विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाते हैं. फल शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करते हैं. इनमें मौजूद फाइबर और प्राकृतिक शर्करा व्यक्ति को लंबे समय तक संतुष्टि का एहसास कराते हैं और कमजोरी से बचाते हैं.फलों के गुण और खाने के फायदेसेब : फाइबर, विटामिन-सी और एंटीऑक्सीडेंट का स्रोत. यह पाचन सुधारता है, हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है और संक्रमण से बचाता है.
नाशपाती : फाइबर और विटामिन से भरपूर. पाचन तंत्र को स्वस्थ रखती है और आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करती है.अंजीर : कैल्शियम, पोटैशियम, विटामिन-ए और सी का स्रोत. हड्डियों की मजबूती, रक्तचाप नियंत्रण और आंतों के स्वास्थ्य में सहायक.
अनार : एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर. त्वचा को जवां बनाये रखने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मददगार.नींबू : विटामिन-सी से समृद्ध. सर्दी-खांसी से बचाव और पाचन सुधारने में सहायक.
अमरूद : फाइबर, आयरन, कैल्शियम, विटामिन-ए और पोटैशियम से भरपूर. पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है और प्रतिरक्षा बढ़ाता है.केला : पोटैशियम का अच्छा स्रोत. ऊर्जा प्रदान करता है, हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी और लंबे समय तक पेट भरा रखता है.
पपीता : विटामिन-ए, सी और फोलेट से भरपूर. इम्यूनिटी बढ़ाता है और दिन भर ताजगी बनाये रखता है.चीकू : एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर. शरीर को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाता है और कोशिकाओं को पुनर्जीवित करता है.
तनाव कम करता सेंधा नमकडायटिशियन अर्पिता के अनुसार, व्रत के दौरान सेंधा नमक से बने भोजन का सेवन लाभकारी है. सेंधा नमक शुद्ध और प्राकृतिक होता है. यह शरीर को आवश्यक मिनरल्स प्रदान करता है, पाचन सुधारता है, रक्तचाप नियंत्रित करता है, मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है और शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स संतुलित करता है. धार्मिक दृष्टि से इसे पवित्र माना जाता है. इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटैशियम जैसे महत्वपूर्ण खनिज पाये जाते हैं, जो व्रत के दौरान शरीर की जरूरत पूरी करते हैं.सूखे मेवे भी फायदेमंदउपवास में सूखे मेवे का सेवन ऊर्जा देने वाला होता है. ये भूख को नियंत्रित करते हैं, शरीर को पोषण प्रदान करते हैं और पाचन सुधारते हैं. इनमें फाइबर, प्राकृतिक शर्करा और स्वस्थ वसा होती है, जो पूरे दिन सक्रिय रखती है और कमजोरी महसूस नहीं होने देती है.
क्या करें और क्या न करेंभरपूर पानी पीएं : उपवास के दौरान शरीर को हाइड्रेटेड रखना जरूरी है. पानी, नींबू पानी, नारियल पानी और फलों का रस लेते रहें. इससे शरीर में ऊर्जा बनी रहती है और कमजोरी महसूस नहीं होती.
छोटे-छोटे अंतराल में खायें : एक ही बार में ज्यादा खाने की बजाय, दिन में कई बार थोड़ी-थोड़ी मात्रा में फल या उपवास में खाये जाने वाले स्नैक्स खायें. इससे पाचन पर दबाव नहीं पड़ता.तला-भुना खाने से बचें : लोग उपवास के दौरान आलू के चिप्स जैसी तली हुई चीजें खाते हैं. ये चीजें स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती हैं. इसकी जगह, भुनी हुई चीजें, जैसे भुने हुए मखाने या फल खायें.
ध्यान और योग : उपवास के साथ-साथ ध्यान और हल्के योग आसन करें. ये मानसिक शांति प्रदान करते हैं और आध्यात्मिक लाभ को बढ़ाते हैं.विशेषज्ञों की राय
वर्ष भर स्वस्थ रखता है उपवासयदि कोई व्यक्ति वर्ष में दोनों नवरात्रों में नौ-नौ दिन का उपवास करता है तो उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. इसके अलावा वह साल भर स्वस्थ रह सकता है. मन, आत्मा और शरीर सभी मजबूत होते हैं.
सरोज श्रीवास्तव, डायटिशियनबीमार व्यक्ति न करें उपवास
नवरात्र का उपवास स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है. इससे शरीर स्वस्थ रहता है और वजन घटता है. हालांकि बीपी, शुगर या अन्य बीमारियों से ग्रसित व्यक्ति को चिकित्सक की सलाह पर ही उपवास रखना चाहिए. बीपी, शुगर, किडनी समेत गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों को उपवास की मनाही रहती है. रोजाना दवा खाने वाले मरीज किसी भी प्रकार के उपवास से परहेज करना चाहिए.डॉ हरिशचंद्र, जनरल फिजिशियन, सदर अस्पतालईश्वर के प्रति समर्पण का भाव है उपवास
सनातन धर्म में उपवास को तन और मन को शुद्ध करने, पापों से मुक्ति पाने और इश्वरीय कृपा प्राप्त करने का साधन माना जाता है. यह अपवित्रता का नाश करता है. यह तन-मन व आत्मा का शुद्धिकरण करता है. व्रत भारतीय परंपरा और धर्म का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका उद्देश्य शरीर और मन को शुद्ध करना और ईश्वर के प्रति समर्पण भाव व्यक्त करना होता है.– पंडित कौशल मिश्रा, रांची
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
