सरना कोड लागू करने को लेकर चक्का जाम करने सड़कों पर उतरे सरना समिति के सदस्य

Jharkhand news, Ranchi news : झारखंड में सरना कोड लागू करने की मांग को लेकर केंद्रीय सरना समिति एवं अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद ने गुरुवार को एक दिवसीय चक्का जाम किया. चक्का जाम को लेकर सुबह से ही आदिवासी समुदाय के लोग सड़कों पर उतर कर विरोध जताया. इस दौरान रांची के कोकर चौक से अल्बर्ट एक्का चौक तक चक्का जाम किया. दूसरी ओर, सरना समितियों के एक दिवसीय चक्का जाम को लेकर पुलिस प्रशासन काफी मुस्तैद दिखी. चौक- चौराहों पर पुलिस की तैनाती रही. इधर, सरना समिति के लोगों ने इस चक्का जाम को सफल बताया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 15, 2020 5:02 PM

Jharkhand news, Ranchi news : रांची : झारखंड में सरना कोड लागू करने की मांग को लेकर केंद्रीय सरना समिति एवं अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद ने गुरुवार को एक दिवसीय चक्का जाम किया. चक्का जाम को लेकर सुबह से ही आदिवासी समुदाय के लोग सड़कों पर उतर कर विरोध जताया. इस दौरान रांची के कोकर चौक से अल्बर्ट एक्का चौक तक चक्का जाम किया. दूसरी ओर, सरना समितियों के एक दिवसीय चक्का जाम को लेकर पुलिस प्रशासन काफी मुस्तैद दिखी. चौक- चौराहों पर पुलिस की तैनाती रही. इधर, सरना समिति के लोगों ने इस चक्का जाम को सफल बताया.

इस संबंध में केंद्रीय सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि आदिवासी लंबे समय से सरना कोड की मांग कर रहे हैं. सरकार मानसून सत्र में सरना धर्म कोड बिल पारित कर केंद्र सरकार को भेजने का वादा किया था, लेकिन सरकार के किसी भी मंत्री या विधायक ने सरना कोड के बारे में आवाज नहीं उठाये. उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 की जनगणना 2 महीनों में शुरू होने वाली है. ऐसे में आदिवासियों को उनका संवैधानिक अधिकार नहीं दिया जाता है, तो फिर से आदिवासियों को धर्मकोड की लड़ाई 2031 तक लड़ना पड़ेगा, जिसका फायदा राजनीतिक पार्टी के लोग उठाते रहेंगे.

श्री तिर्की ने कहा कि जब चुनाव आयेगा, तो राजनीतिक दल के नेता वोट की खातिर सरना कोड को मुद्दा बना आदिवासियों के बीच जायेंगे. कुछ लोग सरना कोड में राजनीतिक शुरू कर दिये हैं. वे नहीं चाहते कि आदिवासियों को उनका अधिकार मिले. नेता बनने के चक्कर में समाज को दरिया में झोंकने का प्रयास कर रहे हैं.

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उन्होंने चक्का जाम को पूरी तरह सफल बताया. साथ ही उन्होंने सरकार से मांग की है कि सरना धर्म कोड बिल को लेकर सरकार विशेष सत्र बुलाये. सरना धर्म कोड बिल सदन से पारित कर केंद्र को भेजे. अगर ऐसा नहीं होता है, तो आदिवासी उग्र आंदोलन के लिए बाध्य हो जायेंगे.

केंद्रीय सरना समिति के महासचिव संजय तिर्की ने कहा कि चक्का जाम को लेकर विभिन्न संगठनों का पूरा सहयोग मिला. जिले में सरना समाज के लोग सड़क पर उतर कर सरना कोड की मांग कर रहे हैं. सरना कोड पर अब राजनीतिक नहीं करने दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि अब आदिवासियों को जागना होगा. जो भी नेता सरना कोड की राजनीति कर रहे हैं उसको सरना समिति बेनकाब करेगी. उन्होंने कहा कि 2021 जनगणना से पहले अगर सरना कोड लागू नहीं हुआ, तो आंदोलन तेज करना होगा. समय से पहले आदिवासी नहीं जागे, तो इसका खामियाजा पूरा समाज को झेलना होगा.

केंद्रीय सरना समिति के संरक्षक भुनेश्वर लोहरा ने कहा कि केंद्र सरकार 2021 से पहले आदिवासियों का सरना कोड लागू करे. इस चक्का जाम कार्यक्रम में भीम आर्मी केंद्रीय सरना समिति, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद, रांची महानगर सरना समिति, रांची जिला सरना समिति, महिला शाखा सरना समिति, बरियातू सरना समिति, बोडेया सरना समिति, कोकर सरना समिति, टुकी टोला सरना समिति, गीतिलकोचा सरना समिति, हटिया सरना समिति, रेन्डो सरना समिति एवं अन्य संगठन शामिल हुए.

Posted By : Samir Ranjan.

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