छठी जेपीएससी का मामला : सफल अभ्यर्थियों का नाम-पता उपलब्ध करायें : झारखंड कोर्ट

झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) को छठी संयुक्त सिविल सेवा प्रतियोगिता की मुख्य परीक्षा की सभी उत्तरपुस्तिकाअों को सुरक्षित रखने का दिया निर्देश .

By Prabhat Khabar | November 12, 2020 8:47 AM

रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने छठी जेपीएससी संयुक्त सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षा के रिजल्ट को चुनाैती देनेवाली याचिकाअों पर सुनवाई की. अदालत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई करते हुए झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) को छठी संयुक्त सिविल सेवा प्रतियोगिता की मुख्य परीक्षा की सभी उत्तरपुस्तिकाअों को सुरक्षित रखने का निर्देश दिया.

साथ ही आयोग को सफल 326 अभ्यर्थियों का नाम-पता प्रार्थी को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. प्रार्थी को निर्देश दिया गया कि सभी सफल अभ्यर्थियों को प्रतिवादी बनाते हुए संशोधित याचिका दायर करें. जो सफल अभ्यर्थी (अधिकारियों) उपस्थित हुए हैं, उन्हें दो सप्ताह के अंदर जवाब दायर करने का निर्देश दिया गया.

मामले की अगली सुनवाई के लिए अदालत ने 18 जनवरी 2021 की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता विकास कुमार ने अदालत को बताया कि 24 सितंबर को हाइकोर्ट के आदेश के आलोक में छठी संयुक्त सिविल सेवा के सभी सफल अभ्यर्थियों को समाचार पत्रों के माध्यम से नोटिस दिया गया.

इसके आलोक में 263 सफल अभ्यर्थी अपने अधिवक्ता के माध्यम से उपस्थित हुए. उन्होंने मुख्य परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाएं सुरक्षित रखने के लिए अदालत से आयोग को निर्देश देने का आग्रह किया. जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी दिलीप कुमार सिंह, प्रदीप राम व अन्य की अोर से अलग-अलग याचिका दायर की गयी है. उन्होंने छठी संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा के रिजल्ट को चुनाैती दी है. प्रार्थियों का कहना है कि आयोग ने क्वालिफाइंग पेपर के प्राप्तांक को भी मुख्य परीक्षा के प्राप्तांक के साथ जोड़ कर रिजल्ट निकाला गया है, जो गलत है.

ठेका मजदूरों को ग्रेच्युटी का भुगतान करे एचइसी : हाइकोर्ट

रांची़ हाइकोर्ट ने एचइसी के ठेका श्रमिकों को ग्रेच्युटी का हकदार मानते हुए प्रबंधन को राशि भुगतान करने का निर्देश दिया है. जस्टिस डाॅ एसएन पाठक की अदालत ने एचइसी प्रबंधन को श्रमिक की सेवानिवृत्ति की तिथि से हर साल राशि पर 10 फीसदी ब्याज का भुगतान करने का भी निर्देश दिया है.

सभी राशि का भुगतान आठ सप्ताह के अंदर करने का निर्देश दिया है. हाइकोर्ट ने श्रम न्यायालय के उस आदेश को सही बताया, जिसमें ठेका श्रमिक को ग्रेच्युटी का हकदार बताया गया था. हाइकोर्ट के इस आदेश से एचइसी के ठेका और सप्लाई श्रमिकों को राहत मिली है. अब सभी ग्रेच्युटी के हकदार माने जायेंगे.

इसका लाभ सेवानिवृत्त ठेका श्रमिकों को भी मिलेगा. श्रम न्यायालय के आदेश के खिलाफ एचइसी प्रबंधन ने हाइकोर्ट में अपील दायर की थी. श्रम न्यायालय में एचइसी के ठेका श्रमिक पांडु टोपनो ने रिटायरमेंट के बाद ग्रेच्युटी का दावा करते हुए इसका भुगतान करने का आदेश दिया था.

श्रम न्यायालय ने कहा था कि किसी भी संस्थान में कार्यरत कैजुअल श्रमिक भी ग्रेच्युटी के हकदार हैं, जबकि एचइसी प्रबंधन का कहना था कि ग्रेच्युटी का लाभ सिर्फ स्थायी कर्मचारी को ही मिल सकता है. प्रबंधन के इस दावे को खारिज करते हुए केंद्रीय श्रम न्यायालय ने पांडु टोपनो को ग्रेच्युटी का भुगतान करने का निर्देश दिया था. इस आदेश के खिलाफ एचइसी प्रबंधन ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी.

posted by : sameer oraon

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