Political news : बालू घाटों का अधिकार ग्रामसभा को दे सरकार : बाबूलाल
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य सरकार माफियाओं व बिचौलियों के इशारे पर काम कर रही है.
रांची.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य के 500 बालू घाटों की नीलामी के लिए सरकार ने नियमावली बनायी है. राज्य सरकार माफियाओं व बिचौलियों के इशारे पर काम कर रही है. राज्य के मंत्री और वरीय पदाधिकारी उस पर आंख मूंद कर हस्ताक्षर कर रहे हैं. राज्य सरकार बालू घाटों का अधिकार ग्रामसभा को दे. श्री मरांडी शुक्रवार को भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि सरकार बालू घाटों की नीलामी व बंदोबस्ती के लिए ऐसी नियम बनाती है, जिसमें गरीब, बेरोजगार, आदिवासी, दलित व पिछड़े वर्ग के लोग भाग ही नहीं ले सकेंगे. हेमंत सोरेन की सरकार स्थानीय युवकों व बेरोजगारों को निजी संस्थान में 75 प्रतिशत नौकरी देने की बात कहती है. वहीं, 25 लाख तक का ठेका-पट्टा स्थानीय युवकों व बेरोजगारों को देने की बात कह रही है. लेकिन, सरकार बालू घाट स्थानीय लोगों को नहीं दे रही है. हेमंत सरकार की मंशा साफ नहीं है. इसमें भी लूट का बड़ा खेल रचा गया है. नीलामी की निविदा में आवेदन के लिए 15 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष के टर्न ओवर की शर्त लगायी गयी है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में लागू नियम के आधार पर राज्य सरकार अवैध बालू उत्खनन को वैध बनाने की कोशिश कर रही. समूह के एक घाट को भी अगर पर्यावरण की अनुमति मिल जाती है, तो पूरे समूह के घाटों से बालू उठाने का उपाय किया गया है. पूरे बालू घाट को माफियाओं के हवाले करने की साजिश है. मौके पर मीडिया प्रभारी शिव पूजन पाठक और प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा भी मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
