high court news : हाइकोर्ट का आदेश- पारस हॉस्पिटल के पास से डंपिंग यार्ड को दो दिनों में हटायें

झारखंड हाइकोर्ट ने झीरी में 22 लाख टन कचरे के पहाड़ से हो रहे प्रदूषण को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान व जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार और रांची नगर निगम का पक्ष सुना.

By DUSHYANT KUMAR TIWARI | August 9, 2025 12:31 AM

रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने झीरी में 22 लाख टन कचरे के पहाड़ से हो रहे प्रदूषण को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान व जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार और रांची नगर निगम का पक्ष सुना. पक्ष सुनने के बाद खंडपीठ ने पारस हॉस्पिटल के समीप नगर निगम के कचरा डंपिंग यार्ड को दो दिनों के अंदर हटाने का सख्त निर्देश दिया. साथ ही रांची में हो रहे पॉलिथीन के उपयोग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा. खंडपीठ का मानना था कि रिसाइकिल नहीं होनेवाला पॉलिथीन पर्यावरण के लिए जहर जैसा है, उसका उपयोग बंद होना चाहिए.

मेसर्स गुरु रामदास कंस्ट्रक्शन को मामले में प्रतिवादी बनाते हुए नोटिस जारी

खंडपीठ ने झीरी में कचरे के पहाड़ में जमा कूड़ा-कचरा के निष्पादन करनेवाली कंपनी मेसर्स गुरु रामदास कंस्ट्रक्शन को मामले में प्रतिवादी बनाते हुए नोटिस जारी किया. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 22 अगस्त की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन व अधिवक्ता पीयूष चित्रेश तथा रांची नगर निगम की ओर से अधिवक्ता एलसीएन शाहदेव ने पैरवी की. श्री शाहदेव ने खंडपीठ को बताया कि दिये गये समय में लक्ष्य के मुताबिक कचरा का निष्पादन नहीं करने पर कंपनी को शो-कॉज किया गया है. अप्रैल 2024 में कंपनी ने काम शुरू किया था. दो साल का समय दिया गया था. कंपनी का कहना है कि बिलंब के लिए ट्रेंड स्टॉफ का नहीं होना तथा पर्याप्त मशीनरीज का नहीं रहना है. उसके काम की मॉनिटरिंग के लिए जीपीएस व सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है. महाधिवक्ता ने बताया कि नगर विकास विभाग रांची नगर निगम से मिल कर कचरे का निष्पादन करा रहा है. उल्लेखनीय है कि ‘झीरी में कचरे का पहाड़ : इस रफ्तार से कचरा निष्पादन में 10 वर्ष लगेंगे’ शीर्षक से प्रभात खबर में प्रकाशित खबर को गंभीरता से लेते हुए झारखंड हाइकोर्ट ने उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था.

यह है मामलाराजधानी से सटे झिरी मौजा में रांची नगर निगम द्वारा शहर से निकलनेवाले कचरे को डंप किया जाता है. लगातार कचरा डंप किये जाने के कारण यहां 22 लाख टन कचरे का पहाड़ खड़ा हो गया है. आसपास का वातावरण प्रदूषित हो रहा है. लोगों के स्वास्थ्य पर भी असर डाल रहा है. नगर निगम ने 31 जनवरी 2024 को इस कचरे के पहाड़ को खत्म करने के लिए गुरु रामदास कंस्ट्रक्शन से करार किया था. कंपनी को दो साल के अंदर यहां जमे 22 लाख टन कचरे के पहाड़ को खत्म करना था, लेकिन डेढ़ साल में कंपनी ने मात्र 3.50 लाख टन कचरे का ही निष्पादन किया है. यहां प्रतिदिन ठोस कचरा भी लगातार डंप किया जाता है. कचरा घटने के बजाय बढ़ता ही जा रहा है.

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