Political news : भाजपा का जीएसटी में राहत का एलान चुनावी हथकंडा : झामुमो

झामुमो महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय ने कहा कि बिहार चुनाव से पहले ही क्यों दी गयी राहत. सात सालों से जनता पर क्यों थोपा गया गब्बर सिंह टैक्स.

By RAJIV KUMAR | September 4, 2025 10:27 PM

रांची.

झामुमो महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय ने केंद्र सरकार के जीएसटी में राहत के एलान को चुनावी हथकंडा बताते हुए कहा कि यह कदम जनता के हित में नहीं, बल्कि भाजपा की मजबूरी है. उन्होंने सवाल उठाया कि अगर यह राहत वास्तव में जरूरी थी, तो पिछले सात वर्षों से जनता पर तथाकथित गब्बर सिंह टैक्स क्यों थोपा गया? श्री पांडेय ने कहा कि भाजपा को बताना चाहिए कि वर्षों तक दाल-चावल, बच्चों की कॉपी-किताब, दवा और कृषि उपकरणों पर टैक्स वसूलने का हिसाब कौन देगा. जब जनता महंगाई से त्रस्त है, तो पेट्रोल-डीजल और गैस सिलेंडर की कीमतें क्यों नहीं घटायी गयीं? बेरोजगारी और किसानों की समस्याओं पर केंद्र की चुप्पी क्यों है? उन्होंने सवाल किया कि जब किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी मांग रहे थे, तब केंद्र पीछे क्यों हटा.

केंद्र ने लगातार जनकल्याणकारी मदों में कटौती की

उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने लगातार जनकल्याणकारी मदों में कटौती की. मनरेगा का बजट घटाकर गरीबों की जीवनरेखा कमजोर की गयी. जबकि, झारखंड सरकार अबुआ आवास, अबुआ स्वास्थ्य, सर्वजन पेंशन और मंईयां सम्मान जैसी योजनाओं के जरिये गरीबों और जरूरतमंदों को राहत पहुंचा रही है. खाद्य सुरक्षा मद में कटौती के बावजूद हेमंत सरकार ने हर घर को पांच किलो अतिरिक्त चावल देने का फैसला किया. श्री पांडेय ने कहा कि बेरोजगारी चरम पर होने के बावजूद केंद्र नौकरियां देने में विफल रहा, जबकि राज्य सरकार ने सहिया साथी, फेलोशिप और रोजगार सृजन योजनाओं पर गंभीरता से काम किया. उन्होंने स्पष्ट किया कि भाजपा चुनाव आते ही राहत के नाम पर खोखले तोहफे देती है, लेकिन असलियत यह है कि जनता की जेब लगातार काटी गयी. भाजपा का राहत पैकेज सिर्फ चुनावी छलावा है.

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