Railway News : नये डीआरएम बोले- रेल विस्तार, समयबद्धता और संरक्षा मेरी प्राथमिकताएं
मेरी प्राथमिकता रांची रेल डिविजन को रेल सेवाओं को और बेहतर बनाना, संरक्षा सुनिश्चित करना और सभी परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करना है. उक्त बातें रांची रेल मंडल के नये डीआरएम करुणानिधि सिंह ने ‘प्रभात खबर’ के साथ खास बातचीत में कही.
राजेश झा. झारखंड को प्रकृति ने सब कुछ दिया है. सुंदर पहाड़ हैं, हरे-भरे जंगह, झील हैं, धार्मिक व पर्यटन की अपार संभावना हैं. मेरी प्राथमिकता रांची रेल डिविजन को रेल सेवाओं को और बेहतर बनाना, संरक्षा सुनिश्चित करना और सभी परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करना है. उक्त बातें रांची रेल मंडल के नये डीआरएम करुणानिधि सिंह ने ‘प्रभात खबर’ के साथ खास बातचीत में कही. उन्होंने कहा कि मुंबई की तुलना में रांची छोटा शहर है, लेकिन यहां विकास की अपार संभावनाएं हैं. मालूम हो कि श्री सिंह रेलवे यातायात सेवा के 1998 बैच के अधिकारी हैं. रांची में नियुक्त होने से पहले वे पश्चिम मुंबई में मुख्य यातायात योजना प्रबंधक एवं मुख्य यात्री परिवहन प्रबंधक के पद पर कार्यरत थे. उन्होंने 30 जुलाई को डीआरएम के पद पर योगदान दिया है.
सवाल : आपकी प्राथमिकताएं क्या हैं?
जवाब : रांची रेल डिविजन में इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर चल रहे कार्यों को समय पर पूरा कराना, स्टेशन व ट्रेनों की क्षमता बढ़ाना, यात्रियों को अधिक से अधिक सुविधाएं उपलब्ध कराना और रेल कर्मियों के कल्याण के कार्य करना मेरी प्राथमिकताएं हैं. रांची रेलवे स्टेशन री-डेवलपमेंट को लेकर एक बैठक की है. समबद्धता पर ध्यान देने का निदेश दिया है. रांची रेलवे स्टेशन दक्षिणी छोर का कार्य प्रगति पर है. समय पर पूरा करने का निर्देश दिया गया है. वहीं, हटिया स्टेशन का री-डेवलपमेंट का काम समय पर पूरा होगा.
सवाल : हटिया-बंडामुंडा रेल लाइन दोहरीकरण की प्रगति के बारे में क्या कहेंगे?
जवाब : तकनीकी कारणों से यह प्रोजेक्ट विलंब से चल रहा है. पहाड़ों को काटने के लिए बड़े-बड़े ब्लास्ट करने पड़ते हैं. अभी लगभग 23 किमी का काम बाकी है. यह कार्य दो चरणों में पूरा किया जा रहा है. पहला चरण जुलाई 2026 तक और अंतिम चरण दिसंबर 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है. बारिश के कारण कठिनाई हो रही है. सेफ्टी के साथ कार्य करने को कहा गया है.
सवाल : रांची रेल डिविजन की ट्रेनों में सीसीटीवी कैमरें कब से लगेंगे?
जवाब : यह सेंट्रलाइज काम है. इसमें चार-पांच माह लगेगा. सबसे पहले लंबी दूरी की ट्रेनों में सीसीटीवी कैमरे लगाये जायेंगे. धीरे-धीरे सभी ट्रेनों में लगाया जायेगा. इसके लिए डिटेल प्लान बनाया जा रहा है.
सवाल : रांची रेल डिविजन को किन क्षेत्रों में विकास करने की आवश्यक है?
जवाब : रांची अपने आप में बड़ा और अच्छा शहर है. रांची जितना सीमेंट, तेल, स्टील, ऊर्जा की खपत कर रहा है, उसका बहुत कम हिस्सा रेल से आ रहा है. इसे बढ़ाने की जरूरत है. इससे रोड ट्रैफिक कम होगा, पर्यावरण का संरक्षण होगा. ट्रेन ढुलाई को बढ़ाने की जरूरत है. अब भी मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों और लंबी दूरी की ट्रेनों के जरिये रांची को देश के अन्य राज्यों की राजधानी से जोड़ने की जरूरत है. इसमें काफी गुंजाइश है. रांची को आनेवाले 20 वर्षों को देखते हुए योजना बनाने की जरूरत है. रांची व हटिया के अलावा भी विकल्प तलाशने होंगे. कुछ डबलिंग के काम हैं, जो रांची व हटिया स्टेशन को बाइपास कर सके.
सवाल : रांची को मेट्रो लाइन की कितनी जरूरत है?
जवाब : मैं मुंबई से आया हूं. वहां लोकल ट्रेनें चलती है. रांची में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की भारी कमी है. जब शहर की आबादी 40 लाख से अधिक होगी, तो आप 30 किमी की यात्रा ट्रैफिक से करने में फंस जायेंगे. रांची को भी मेट्रो डेवलप करना होगा. इससे शहर का सौंदर्य बढ़ता है और रोजगार का भी सृजन होता है. देश में कई शहरों में मेट्रो के लिए काम शुरू हो गया. यह कम दूरी से ही शुरू होता है. रांची में देश का नंबर-1 शहर बनने की क्षमता है.
सवाल : मुंबई में अधिक चैलेंज था या रांची में?
जवाब : दोनों शहरों की चुनौतियां अलग-अलग हैं. रेलवे का बेसिक काम सब जगह एक जैसा है. वहां ऑपरेशन का कार्य बड़े स्तर पर है, जबकि रांची में छोटे स्तर पर है. आगे बढ़ने की क्षमता छोटे रेल डिविजन में अधिक होती है. रांची रेल डिविजन में कार्य करने का बहुत से क्षेत्र हैं.
सवाल : अमृत भारत स्टेशन के तहत रांची रेल डिविजन में विकसित हो रहे स्टेशनों के बारे में बतायें?
जवाब : रांची रेल डिविजन के मुरी, पिस्का और लोहरदगा स्टेशन अमृत भारत स्टेशन के तहत विकसित किये जा रहे हैं. सितंबर 2026 तक कार्य पूरा हो जायेगा. यहां नया बिल्डिंग, लिफ्ट, दिव्यांगों के लिए सीढ़ी, शौचालय, वेटिंग रूम, प्लेटफार्म शेड, पार्किंग एरिया, सर्कुलेटिंग एरिया का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो गया है.
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