Political news : सत्ता को हमेशा जवाबदेही और नैतिक व्यवस्था से नियंत्रित किया जाना चाहिए : स्पीकर

ब्रिजटाउन में आयोजित 68वें राष्ट्रमंडल संसदीय संघ में स्पीकर का संबोधन.

By RAJIV KUMAR | October 11, 2025 12:31 AM

रांची. ब्रिजटाउन में आयोजित 68वें राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के कार्यक्रम में झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो ने राष्ट्रीय संसद बनाम प्रांतीय, प्रादेशिक और विकेंद्रीकृत विधान शक्ति के पृथक्करण की रक्षा और संरक्षण पर व्याख्यान दिया. उन्होंने कहा कि सत्ता को हमेशा जवाबदेही और नैतिक व्यवस्था द्वारा नियंत्रित किया जाना चाहिए. हमारे संविधान के निर्माता डॉ बीआर आंबेडकर ने इस संतुलन को स्पष्टता के साथ समझाया था. उन्होंने कहा कि संघवाद का मूल सिद्धांत यह है कि विधायी और कार्यकारी प्राधिकरण केंद्र और राज्यों के बीच विभाजित होता है. राष्ट्रीय संसद और प्रांतीय विधान सभाएं सर्वोच्चता के लिए प्रतिद्वंद्वी नहीं हैं. वे लोकतंत्र के पूरक स्तंभ हैं. प्रत्येक का अपना जनादेश होता है. वे मिलकर यह सुनिश्चित करते हैं कि शासन के हर स्तर पर लोगों की आवाज सुनी जाये. लोकतंत्र की वास्तविक ताकत इस बात में नहीं है कि किसी संस्थान के पास कितनी शक्ति है, बल्कि यह है कि वह कितनी जिम्मेदारी से खुद को अतिक्रमण से रोकता है. भारत में झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में मैंने देखा है कि कैसे यह संतुलन लोगों को सशक्त बनाता है. हम अपनी संस्थाओं की पवित्रता को बनाये रखने, संवैधानिक सीमाओं का सम्मान करने और शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धांत की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं. सम्मेलन में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, विधायक नवीन जायसवाल तथा ऑस्ट्रेलिया और कनाडा के सांसद प्रतिनिधि भी मौजूद थे.

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