Ranchi News : फिजिकल एजुकेशन की डिग्री के मामले में हाइकोर्ट ने यूजीसी से मांगा जवाब
मामला दुमका में हाइस्कूल शिक्षक पद पर नियुक्ति के 11 माह बाद हटाने का.
रांची.
झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने दुमका में हाइस्कूल शिक्षक पद पर नियुक्ति के 11 माह बाद अनुशंसा वापस लेने के आधार पर हटाये जाने को चुनौती देनेवाली याचिका पर सुनवाई की. अदालत ने प्रार्थी व झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) का पक्ष सुना. अदालत ने यूजीसी को मामले में प्रतिवादी बनाते हुए पांच बिंदुओं पर जवाब दायर करने का निर्देश दिया.मामले की अगली सुनवाई छह सप्ताह के बाद
अदालत ने पूछा कि आर्ट्स, साइंस व कॉमर्स के अलावा भी कोई स्ट्रीम है क्या. भारत में कितने तरह के स्ट्रीम में पढ़ाई होती है. बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन किस स्ट्रीम में आता है. बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन की डिग्री यूजीसी से मान्यता प्राप्त है या नहीं. प्रार्थियों ने अमरावती यूनिवर्सिटी से फिजिकल एजुकेशन की डिग्री ली है, उसकी मान्यता है या नहीं. इन सारे बिंदुओं पर यूजीसी को शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया. साथ ही अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए छह सप्ताह के बाद की तिथि निर्धारित करने को कहा.
अन्ना मेरी सोरेन व अन्य ने याचिका दायर की है
इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने अदालत को बताया कि प्रार्थी तीन साल के बैचलर इन फिजिकल एजुकेशन में डिग्रीधारी है तथा फिजिकल एजुकेशन में बीपीएड भी किया है. यह डिग्री साइंस स्ट्रीम में आती है. यूजीसी के मुताबिक, तीन साल का फिजिकल एजुकेशन स्पोर्ट्स साइंस स्ट्रीम के अंतर्गत आता है. अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने यह भी कहा कि नियुक्ति के 11 माह बाद अनुशंसा वापस लेने का अधिकार जेएसएससी को नहीं है. वहीं, जेएसएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरावाल ने अदालत को बताया कि नियुक्ति नियमावली व विज्ञापन के अनुसार आर्ट्स, साइंस या कॉमर्स में स्नातक होना चाहिए. प्रार्थियों ने फिजिकल एजुकेशन किया है, जो उक्त स्ट्रीम में नहीं आता है. इसलिए उनकी नियुक्ति की अनुशंसा को जेएसएससी ने वापस ले लिया था. उल्लेखनीय है कि अन्ना मेरी सोरेन व अन्य ने याचिका दायर की है. उन्होंने शिक्षक पद से हटाये जाने को चुनाैती दी है.
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