Ranchi news : निक्षय मित्र गोद लेकर टीबी मरीजों को दिलायेंगे स्वस्थ जीवन

जनभागीदारी से होगा टीबी का खात्मा. पंचायतों में लगाये गये कैंपों के माध्यम से 12,448 नये निक्षय मित्र सामने आये हैं.

By RAJIV KUMAR | October 5, 2025 12:27 AM

रांची.

वर्ष 2025 तक टीबी रोग के उन्मूलन को लेकर सरकार विभिन्न उपायों पर काम कर रही है. टीबी रोग के उन्मूलन में सामान्य नागरिक, जनप्रतिनिधि, गैर सरकारी संस्थान, कॉर्पोरेट संस्थान आदि अपनी भागीदारी निभा सकते हैं. इसके तहत निक्षय मित्र गोद लेकर टीबी मरीजों को स्वस्थ जीवन दिलाने में उनकी मदद करेंगे. राज्य के चार जिलों हजारीबाग, रामगढ़, सिमडेगा और गुमला में सर्वाधिक टीबी मरीज हैं. ये जिले देश भर के उन 343 जिलों में शामिल हैं, जहां टीबी के सर्वाधिक मरीज हैं. राज्य यक्ष्मा सेल इस कार्य को पूरा करने के लिए डब्ल्यूएचओ के साथ गैर सरकारी संस्थाओं, मुखिया और स्थानीय जनप्रतिनिधियों को शामिल करने का प्रयास कर रहा है. इन्हीं लक्ष्यों के साथ स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान के दौरान भी बड़ी संख्या में ऐसे लोग सामने आये हैं, जो टीबी मरीजों का सहयोग करना चाहते हैं. इसका उद्देश्य नये रोगियों को सामने लाना, मृत्यु दर को कम करना और नये सामने आये मरीजों का समय पर उपचार कराना है. अभियान के दौरान पंचायतों में लगाये गये कैंप में 12,448 नये निक्षय मित्र सामने आये हैं, जो टीबी रोग से पीड़ित लोगों की मदद करेंगे. आपको बता दें कि 2025 तक भारत से टीबी उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है, अभी भी राज्य में करीब 50 हजार टीबी के मरीज हैं.

गुमला जिले में सर्वाधिक 1887 लोग इस अभियान से जुड़े

राज्य सरकार लोगों को निक्षय मित्र बनने का मौका दे रही है. इसके तहत कोई भी व्यक्ति टीबी रोगी को गोद लेकर उनकी सेवा कर सकता है. अभियान के तहत निक्षय मित्र बनने वाले लोग या संस्थान मरीजों को पोषण, डायग्नोस्टिक और रोजगार के स्तर पर मदद कर उनसे सच्ची मित्रता निभा सकते हैं. यह सभी जिला यक्ष्मा केंद्र से जुड़ कर कार्य कर सकेंगे. गुमला जिला में सर्वाधिक 1887 लोग इस अभियान से जुड़े हैं. वहीं, देवघर में 1512 और रामगढ़ में 1322 नये सदस्य जुड़े हैं. निक्षय मित्र पोषण व आजीविका के स्तर पर मरीजों की मदद करेंगे.

ऐसे जुड़ें योजना से

निक्षय मित्र रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरकर इस योजना से जुड़ सकते हैं. इसी के तहत टीबी रोग से पीड़ित लोगों को गोद लेने की योजना है. इस अभियान के तहत नया सदस्य बनने वाले लोग या संस्था कम से कम एक वर्ष के लिए और अधिक से अधिक तीन साल के लिए किसी गांव, वार्ड, पंचायत, ब्लॉक या जिले के किसी टीबी रोगी को गोद लेकर उन्हें भोजन, पोषण, आजीविका के स्तर पर जरूरी मदद उपलब्ध करा सकते हैं.

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