रांची के 34 केंद्रों पर NDA और CDS की परीक्षा आज, 15301 अभ्यर्थी होंगे शामिल

नेशनल डिफेंस एकेडमी-नेवल एकेडमी (एनडीए-एनए) और कंबाइंड डिफेंस सर्विसेस (सीडीएस) की परीक्षा आज होगी. इसके लिए राजधानी में 34 केंद्र बनाये गये हैं.

By Prabhat Khabar Print Desk | April 16, 2023 9:33 AM

नेशनल डिफेंस एकेडमी-नेवल एकेडमी (एनडीए-एनए) और कंबाइंड डिफेंस सर्विसेस (सीडीएस) की परीक्षा आज होगी. इसके लिए राजधानी में 34 केंद्र बनाये गये हैं. परीक्षा में 15301 अभ्यर्थी शामिल होंगे. एनडीए-एन की परीक्षा दो पालियों में 28 केंद्रों पर होगी. पहली पाली की परीक्षा सुबह 10 बजे से 12:30 बजे तक और दूसरी पाली की परीक्षा दोपहर दो बजे से शाम 4:30 बजे तक होगी.

तीन पालियों में होगी सीडीएस की परीक्षा

वहीं, सीडीएस की परीक्षा छह केंद्रों पर तीन पालियों में होगी. पहली पाली की परीक्षा सुबह नौ से 11 बजे, दूसरी पाली 12 बजे से दो बजे तक और तीसरी पाली की परीक्षा अपराह्न तीन बजे से शाम पांच बजे तक संचालित होगी. वहीं सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक परीक्षा केंद्रों के 200 मीटर दायरे में निषेधाज्ञा लागू रहेगा.

सभी कॉलेजों सहित उच्च शिक्षण संस्थानों में नामांकित विद्यार्थियों का अब शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य की गुणवत्ता का ख्याल रखना जरूरी होगा. विद्यार्थियों को वाइब्रेंट कैंपस लाइफ देना अनिवार्य होगा. छात्र सेवा केंद्र स्थापित करने होंगे. वाइब्रेंट कैंंपस लाइफ के तहत नियमित शिक्षण, सांस्कृतिक गतिविधि, शैक्षणिक गतिविधि, खेल, व्यक्तित्व विकास कार्यक्रम, ट्रेनिंग, प्लेसमेंट, शैक्षणिक भ्रमण, पर्यटन, ग्रीष्मकालीन इंटर्नशिप आदि गतिविधियां बढ़ानी होंगी. वहीं छात्र सेवा केंद्र के तहत शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल के लिए रिम्स, रिनपास, एम्स, निमहांस जैसे संस्थानों के साथ एमओयू करना होगा.

विशेषकर छात्राओं के लिए नियमित रूप से सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाने का निर्देश है. सभी कॉलेजों में स्पोर्ट्स काउंसिल, फिजिकल एजुकेशन और योग विभाग खोलना जरूरी है. हर कॉलेज में केंद्र के निर्देश पर यूजीसी ने इससे संबंधित गाइडलाइन जारी कर दी है. साथ ही सभी विवि के कुलपति व कॉलेजों के प्राचार्यों को इसे लागू करने का निर्देश दिया गया है. यूजीसी सचिव प्रो मनीष जोशी के पत्र में कहा गया है कि सभी संस्थानों में अब शारीरिक फिटनेस और खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने पर विशेष जोर देना होगा. साथ ही शैक्षणिक दबाव, विद्यार्थियों के व्यवहार संबंधी मुद्दे, तनाव, करियर संबंधी चिंताएं, अवसाद और मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखना होगा. छात्र सेवा केंद्र का प्रबंधन निदेशक/डीन स्तर के पद के समकक्ष प्रोफेसर के जिम्मे होगा. प्रत्येक संस्थान को नियमित रूप से विद्यार्थियों का व्यक्तित्व विकास पर आधारित गतिविधियां बढ़ानी होंगी.

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