African Swine Fever: अफ्रीकन स्वाइन फीवर से रांची में 800 से अधिक सूकरों की मौत

African Swine Fever: अफ्रीकन स्वाइन फीवर, जिसे संक्षेप में ASF कहा जाता है, बेहद संक्रामक है. इसमें तेजी से रक्तस्राव भी होता है. हालांकि, राहत की बात यह है कि यह सूकरों के लिए जानलेवा यह संक्रमण इंसानों में नहीं फैलता.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 29, 2022 8:07 PM

African Swine Fever: झारखंड की राजधानी रांची में अफ्रीकन स्वाइन फीवर (ASF) से 800 से अधिक सूकरों की मौत हो गयी है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है. उन्होंने बताया है कि 27 जुलाई के बाद से अब तक 800 से ज्यादा सूकरों की मौत हुई है. राज्य के पशुपालन निदेशक शशि प्रकाश झा ने बताया कि वर्ष फरवरी 2020 में सबसे पहले असम में अफ्रीकन स्वाइन फीवर की पुष्टि हुई थी.

पालतू और जंगली दोनों सूकर प्रभावित

उन्होंने बताया कि इस बुखार से पालतू और जंगली दोनों सूकर प्रभावित हो रहे हैं. इसी महीने भोपाल स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सिक्यूरिटी एनिमल डिजीज (NIHSAD) में टेस्टिंग के लिए सैंपल भेजे गये थे. रिपोर्ट में अफ्रीकन स्वाइन फीवर की पुष्टि हुई है. उन्होंने कहा कि अब तक राज्य में इस बुखार से करीब 1,000 सूकरों की मौत हो चुकी है.

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बेहद संक्रामक है ASF

अफ्रीकन स्वाइन फीवर, जिसे संक्षेप में ASF कहा जाता है, बेहद संक्रामक है. इसमें तेजी से रक्तस्राव भी होता है. हालांकि, राहत की बात यह है कि यह सूकरों के लिए जानलेवा यह संक्रमण इंसानों में नहीं फैलता. स्थित की गंभीरता के मद्देनजर पशुपालन विभाग ने सूकर पालकों के लिए एक टोल फ्री नंबर (18003097711) जारी किया है. साथ ही यह भी बताया है कि क्या करें और क्या न करें.

सबसे ज्यादा सूकरों की मौत रांची में

पशुपालन विभाग के अधिकारी ने बताया कि यूं तो सबसे ज्यादा सूकरों की मौतें रांची में हुई हैं, लेकिन सभी 24 जिलों के लिए एडवाइजरी जारी की गयी है. सभी जिलों से कहा गया है कि वे एहतियाती कदम उठायें. ऐसे सूकर फार्म्स, जहां सूकरों की मौत हो रही है, उनसे कहा गया है कि बीमारी को फैलने से रोकने के लिए सूकरों की बिक्री न करें.

पशुपालन विभाग ने सूकर पालकों को दिये जरूरी निर्देश

सूकर पालन करने वालों को स्पष्ट बताया गया है कि अगर राज्य में कहीं से भी उन्हें सूकरों की मौत की खबर मिलती है, तो इसके बारे में टोल फ्री नंबर पर फोन करके विभाग को जरूर जानकारी दें. इतना ही नहीं, यह भी कहा गया है कि विभाग की गाइडलाइन के मुताबिक ही शवों का निस्तारण करें.

कांके में एक महीने में 666 सूकर मरे

सुअर पालन विकास पदाधिकारी अजय कुमार ने बताया है कि रांची के कांके स्थित सूकर ब्रीडिंग फार्म में 1,100 सूकर थे. 27 जुलाई से 28 अगस्त 2022 तक 666 सूकरों की मौत हो गयी. रांची जिला के चान्हो, कुचु, मैक्लुस्कीगंज और खलारी में करीब 100 सूकरों की मौत की पुष्टि हुई है.

बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में 30 सूकरों की मौत

रांची पशु चिकित्सा महाविद्यालय के डीन और सीनियर फैकल्टी डॉ सुशील प्रसाद ने बताया है कि रांची स्थित बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (BAU) के सूकर फार्म में करीब 30 सूकरों की मौत हुई है. इस फार्म में 600 सूकर हैं. हालांकि, एहतियाती कदम उठाये जाने के बाद सूकरों की मौत की दर में कमी आयी है.

ASF से बचाव के लिए नहीं है कोई वैक्सीन

इंस्टीट्यूट ऑफ एनिमल हेल्थ एंड प्रोडक्शन के निदेशक विपिन बिहारी महता ने बताया कि अफ्रीकन स्वाइन फीवर से पीड़ित सूकर की अचानक से मौत हो जाती है. उनमें बुखार के लक्षण दिखते हैं. वे खाना बंद कर देते हैं और बहुत जल्द उनकी मौत हो जाती है. इस बीमारी से बचाव के लिए अब तक कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है.

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