रैयत विस्थापितों की समस्या को लेकर प्रबंधन गंभीर नहीं : मुकद्दर

रैयत विस्थापित मोर्चा के द्वारा दिये गये 11 सूत्री मांग पत्र पर रोहिणी प्रबंधन का जवाब संतोषजनक नही है.

By DINESH PANDEY | November 1, 2025 6:22 PM

खलारी. रैयत विस्थापित मोर्चा के द्वारा दिये गये 11 सूत्री मांग पत्र पर रोहिणी प्रबंधन का जवाब संतोषजनक नही है. इस संबंध में मोर्चा की रोहिणी शाखा अध्यक्ष मुकद्दर लोहार ने कहा कि प्रबंधन ने रैयत विस्थापित की समस्याओं को लेकर सितंबर में 11 सूत्री मांगों को लेकर जो बैठक हुई थी, जिसमे हुई वार्ता को लेकर प्रबंधन ने मिनट्स में जो जवाब दिया है. इसको देखते हुए लगता है कि इन समस्याओं पर प्रबंधन पूरी तरह गंभीर नहीं है, जबकि रैयत विस्थापित खदान चलाने में प्रबंधन को पूरी तरह से सहयोग कर रहे हैं. प्रबंधन ने केवल आश्वासन दिया है, जो रैयत विस्थापित को मंजूर नहीं है. रैयत विस्थापित द्वारा उठाये गये मुद्दो में तुमांग मौजा, टोला पेट-पेट और ढूब के परिवारों के लिए सुरक्षित स्थल पर पुनर्वास की व्यवस्था की करने, अधिग्रहित बची हुई जमीन के एवज में रैयत को अविलंब नौकरी देने, सर्वे कर अधिग्रहित भूमि पर मौजूद पेड़, कुआं, मंदिर, मंडप आदि का मुआवजा देने, विस्थापित गांवों के बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने, सभी प्रभावित परिवारों को विस्थापन प्रमाण पत्र प्रदान देने, रोहिणी परियोजना में कार्यरत मजदूरों की सेवा पुस्तिका में सुधार एवं मेडिकल कार्ड की व्यवस्था की करने, परियोजना की आठ किलोमीटर परिधि में आने वाले गांवों में बिजली, पानी, सड़क, नाली, स्कूल एवं सीएसआर फंड से मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने, धमधमिया से खलारी सीसीएल केडी मुख्य मार्ग तक वैकल्पिक सड़क की व्यवस्था करने तथा खदान के समीपवर्ती क्षेत्रों में ब्लास्टिंग से प्रभावित घरों का सर्वे कर तत्काल मुआवजा देने आदि की मांग रखी गयी थी. जिस पर कोई कार्य धरातल पर नही दिख रहा है, जिससे ग्रामीणों में काफी आक्रोश है और प्रबंधन ने कोई पहल नहीं की, तो ग्रामीण प्रबंधन को खदान चलाने में कोई सहयोग नही करेंगे और जरूरत पड़ी तो रोहिणी खदान को भी बंद कराने का काम करेंगे.

मांगों को लेकर प्रबंधन ने केवल आश्वासन दिया है, जो रैयत विस्थापित को मंजूर नहीं

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