झारखंड : देर से आये मानसून ने किसानों की बढ़ायी चिंता, खेतों में नहीं लगे बिचड़े

झारखंड में मानसून की देरी ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. कम बारिश के कारण किसान बिचड़ा के लिए धान बीज खेतों में नहीं डाल पाये हैं. वहीं, खरीफ में गुमला जिले को छोड़ किसी अन्य जिले में अब तक धान नहीं लग पाया है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 28, 2023 6:04 AM

Jharkhand News: इस साल मानसून करीब एक सप्ताह देर से आया है. प्री मॉनसून बारिश भी नहीं हुई है. इस कारण किसान बिचड़ा के लिए धान बीज खेतों में नहीं डाल पाये हैं. मानसून की पहली बारिश के साथ ही बिचड़ा डालने का काम शुरू हो रहा है. 15 जुलाई के बाद रोपा करने का समय शुरू होता है. 31 जुलाई तक अंतिम रोपा करने की अनुशंसा कृषि विशेषज्ञों की है. जून में अब तक जितनी होनी चाहिए थी, उससे करीब 56 फीसदी कम बारिश हुई है. कृषि विभाग किसानों के बीच 50 फीसदी अनुदान पर बांट रहा है. इसकी गति भी धीमी है. ऐसे में एक-एक दिन किसानों के लिए महत्वपूर्ण है. खरीफ में गुमला जिले को छोड़ किसी जिले में अब तक धान नहीं लग पाया है. कई जिलों में छींटा विधि से धान लगता है. इसमें गुमला में मात्र चार हजार हेक्टेयर में धान लग पाया है. कई जिलों में बिचड़ा के लिए धान नहीं गिराया गया है. रोपा लायक बिचड़ा तैयार होने में करीब 21 दिन लगते हैं.

किसी जिले में सामान्य बारिश नहीं

राज्य में जून की 26 तारीख तक किसी जिले में सामान्य या इससे अधिक बारिश नहीं हुई है. राज्य में एक जून से अब तक 160 मिमी बारिश होनी चाहिए थी. इसकी तुलना में 72 मिमी ही बारिश हुई है. सिमडेगा में 181 तथा खूंटी में 118 मिमी के आसपास बारिश हुई है. गोड्डा में 15 और पाकुड़ में अब तक मात्र 30 मिमी ही बारिश हुई है. राजधानी में करीब 75 मिमी के आसपास बारिश हुई है.

1800 क्विंटल बीज का वितरण हुआ

राज्य सरकार ने किसानों के बीच 50 फीसदी अनुदान पर बीज बांटने का निर्णय लिया है. इसके तहत सरकार ने विभिन्न कंपनियों को 68,083 क्विंटल बीज आपूर्ति का आदेश दिया था. इसकी तुलना में 36,820 क्विंटल बीज सरकार ने खरीद लिया है. 34,446 क्विटंल बीज की आपूर्ति कंपनियों ने कर दी है. इसमें 18,000 क्विंटल बीज किसानों के बीच बांटा जा चुका है.

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झारखंड में इस साल खरीफ का लक्ष्य

फसल : लक्ष्य

धान : 1800 हजार हेक्टेयर

मक्का : 312 हजार हेक्टेयर

मोटा अनाज : 50 हजार हेक्टेयर

दलहन : 60 हजार हेक्टेयर

तेलहन : 613 हजार हेक्टेयर

कुल : 2835 हजार हेक्टेयर

किस-किस कीमत पर उपलब्ध है सरकारी धान और बीज

बीज : अनुदान पर कीमत (रुपये प्रति किलो)

धान एमटीयू 7029 : 17.80

धान एराइज 6444 : 177.25

धान एजेड 8433डीटी : 205.00

धान सहभागी : 19.50

धान आइआर 64 : 19.50

धान आइआर 64 डीआरटी : 19.50

धान एमटीयू 1010 : 19.50

धान डीआरआरएच 2 : 101.50

धान डीआरआरएच 3 : 101.50

धान पैक 801 : 644.01

धान पीएनपीएच 24 : 172.50

मक्का एनएमएच 803 : 104.50

मूंग विराट : 70.00

मूंगफली के 6 : 62.50

उरद मुलुंद्रा : 63.00

अरहर एलआरजी 41 : 64.00

रागी वीएल 352 : 40.50

किस कीमत पर बिकेगा खाद

खाद : कीमत (50 किलो का बैग)

यूरिया : 266 रुपये प्रति बैग

डीएपी : 1350 रुपये प्रति बैग

एमओपी : 1700 रुपये प्रति बैग

एसएसपी : 654 और 575 रुपये प्रति बैग

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बीज आपूर्ति का दिया गया है आदेश : कृषि निदेशक

इस संबंध में कृषि निदेशक चंदन कुमार ने कहा कि बारिश देर से हुई है. इसके बावजूद विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है. बीज आपूर्ति का आदेश दे दिया गया है. जिलों में बीज बंट रहा है. वैसे जिले, जो सीधी रोपाई करते हैं. उनको प्राथमिकता पर बीज दिया जा रहा है. खाद और बीज आपूर्ति सुनिश्चित कर ली गयी है.

मध्य अवधि वाला धान लगाए किसान : डॉ डीएन सिंह

वहीं, बीएयू के ड्राइ लैंड कृषि विशेषज्ञ डॉ डीएन सिंह ने कहा कि अभी बहुत देर नहीं हुई है. लेकिन, अगले एक माह किसानों के लिए महत्वपूर्ण है. टांड़ जमीन (ऊपरी) पर किसानों को पानी निकासी की व्यवस्था करनी है. यहां अरहर, मक्का, उरद, मूंग, तिल, ज्वार-बाजरा आदि लगा सकते हैं. जहां धान लगना है, वहां की मेढ़ दुरुस्त कर लें. धान की खेती के लिए पानी की जरूरत होगी. थोड़ी देर हो चुकी है, इस कारण किसान मध्य अवधि वाला धान (125-130 दिन में तैयार होनेवाला) का बीज लगाएं.