झारखंड: रेल रोको आंदोलन की हुई समीक्षा, कुड़मी समाज ने सीएम आवास घेराव व आक्रोश महारैली की बनायी रणनीति

सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के झारखंड आगमन पर पूरजोर विरोध किया जाएगा. कुरमी/ कुड़मी एसटी डिमांड पर मुख्यमंत्री चुप्पी तोड़ो और झारखंड निर्माता बिनोद बिहारी महतो को झारखंड पितामह का दर्जा देने की मांग की जाएगी.

By Guru Swarup Mishra | October 8, 2023 10:03 PM

रांची: टोटेमिक कुरमी/ कुड़मी (महतो) समाज के बैनर तले पुराना विधानसभा विधायक क्लब (धुर्वा) में सभी कुरमी एवं कुड़मी नामधारी संगठनों की विचार गोष्ठी रखी गयी. इस विचार गोष्ठी की अध्यक्षता कुरमी/ कुड़मी समाज के मुख्य संयोजक शीतल ओहदार ने की. विचार गोष्ठी में रेल टेका आंदोलन की समीक्षा की गयी. झारखंड के मुख्य सचिव से वार्ता के नफा-नुकसान पर चर्चा की गयी और केंद्रीय गृह सचिव से होने वाली वार्ता के मुख्य बिंदुओं को चिन्हित किया गया. मनोहरपुर (घाघरा) रेल टेका आंदोलनकारीयों को जेल से जल्दी कैसे बाहर निकाला जाए, इस पर चर्चा की गयी. वक्ताओं ने जोर देकर कहा कि पिछले 72 वर्षों से लगातार संघर्ष करने के बाद भी केंद्र सरकार कुरमी/कुड़मी जनजाति को अनुसूचित जनजाति में सूचीबद्ध करने की मांग पर विचार नहीं कर रही है. जनजातीय मामले के मंत्री अर्जुन मुंडा हतोत्साहित करने वाले बयान दे रहे हैं. झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन कुरमी/कुड़मी को अनुसूचित जनजाति की सूची में सूचीबद्ध करने की मांग पर मौन हैं. गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के झारखंड आगमन पर विरोध किया जाएगा. 21 नवंबर 2023 को मुख्यमंत्री आवास घेराव का घोषणा किया जाएगा. 18 फरवरी 2024 को मोरहाबादी में आक्रोश महारैली निकाली जाएगी.

जीत के लिए जरूरी है जागरूकता

विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए कुड़मी समाज के मुख्य संयोजक शीतल ओहदार ने कहा कि कुरमी/कुड़मी जनजाति का संघर्ष वर्तमान समय में चरम पर है. युवा, बुद्धिजीवी और माता-बहनें अपने संवैधानिक अधिकार के प्रति सजग हो रहे हैं. जिस दिन हमारे समाज के 70% लोग अपने अधिकार के प्रति जागरूक होंगे, उस दिन हमारी जीत होगी.

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इन्होंने भी विचार गोष्ठी को किया संबोधित

इसमें मुख्य रूप से कुरमी विकास परिषद के अध्यक्ष रंधीर चौधरी, महासभा के प्रतिनिधि देवकी महतो, रामपोदो महतो, सखीचंद महतो, थानेश्वर महतो आदि ने भी संबोधित किया. विचार गोष्ठी में उपस्थित मुख्य वक्ताओं ने जोर देकर कहा कि पिछले 72 वर्षों से लगातार संघर्ष करने के बाद भी केंद्र सरकार कुरमी/कुड़मी जनजाति को अनुसूचित जनजाति में सूचीबद्ध करने की मांग पर विचार नहीं कर रही है और जनजातीय मामले के मंत्री अर्जुन मुंडा हतोत्साहित करने वाले बयान दे रहे हैं. इसके साथ ही झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कुरमी/कुड़मी को अनुसूचित जनजाति की सूची में सूचीबद्ध करने की मांग पर मौन हैं.

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गृह मंत्री अमित शाह के झारखंड आगमन पर करेंगे विरोध

सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के झारखंड आगमन पर पूरजोर विरोध किया जाएगा. एयरपोर्ट से बाहर निकलने नहीं दिया जाएगा. यह भी निर्णय लिया गया कि कुरमी/ कुड़मी एसटी डिमांड पर मुख्यमंत्री चुप्पी तोड़ो और झारखंड निर्माता बिनोद बिहारी महतो को झारखंड पितामह का दर्जा दो. इन दोनों मांगों को लेकर 21 नवंबर 2023 को मुख्यमंत्री आवास घेराव का घोषणा किया जाएगा. मुख्यमंत्री आवास घेराव कर्यक्रम में लाखों की संख्या में समाज के महिला-पुरुष अपने पारंपरिक वेशभूषा में शामिल होंगे.

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18 फरवरी मोरहाबादी में आक्रोश महारैली

समाज के प्रतिनिधियों द्वारा सर्वसम्मति से यह भी निर्णय लिया गया कि सामाजिक एकता का परिचय देने और अनुसूचित जनजाति की मांग को लेकर और मजबूती के साथ लड़ने के लिए 18 फरवरी 2024 को ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में कुरमी/ कुड़मी आक्रोश महारैली की जाएगी. इन सभी आंदोलनों को सफल बनाने के लिए कुड़मी बाहुल प्रत्येक जिले का जिला प्रभारी एवं प्रखंड प्रभारी नियुक्त किया गया. विचार गोष्ठी में सपन महतो,दानिसिंह महतो, राजेंद्र महतो, सखीचंद महतो, रचिया महतो, सुषमा देवी समेत अन्य थे.

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