Train Accident : अब ट्रेनों की टक्कर पर लगेगी ब्रेक, झारखंड में लागू होगी नई सुरक्षा तकनीक

Train Accident : रांची रेल डिविजन में कवच प्रणाली के लिए सर्वे शुरू कर दिया है. इससे ट्रेन सुरक्षा को मजबूती मिलेगी. डीआरएम ने कहा कि मानवीय त्रुटियों से होने वाली दुर्घटनाओं पर रोक लगेगी. कवच स्वदेशी तकनीक से ट्रेनों की टक्कर रोकेगा. ये रांची-आद्रा-खड़गपुर-चक्रधरपुर मंडलों के 1563 किमी रूट पर लागू होगा.

By Amitabh Kumar | December 27, 2025 7:45 AM

Train Accident : रांची रेल डिवीजन में ‘कवच’ प्रणाली स्थापित करने के लिए सर्वेक्षण कार्य शुरू हो गया है. रेलवे अधिकारियों ने बताया कि कवच स्वदेशी रूप से विकसित एक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली है, जिसे भारतीय रेलवे ने सुरक्षा बढ़ाने और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए डिजाइन किया है. इसका मुख्य उद्देश्य ट्रेनों की टक्कर रोकना है. यह लोको-पायलटों को सिग्नलों की अनदेखी करने या गति सीमा से अधिक गति से ट्रेन चलाने पर चेतावनी देता है. यदि लोको-पायलट प्रतिक्रिया नहीं करता है, तो सिस्टम स्वचालित रूप से ट्रेन की गति नियंत्रित कर सकता है.

डीआरएम करुणानिधि सिंह ने कहा कि भारतीय रेलवे की ओर से सुरक्षा को सदैव सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती रही है. ट्रेनों की टक्कर रोकने और मानवीय त्रुटियों से होने वाली दुर्घटनाओं को न्यूनतम करने के लिए देश में स्वदेशी रूप से विकसित कवच प्रणाली को व्यापक रूप से लागू किया जा रहा है. इसी के तहत रांची रेल डिवीजन में भी सर्वे शुरू कर दिया गया है. यह प्रणाली न केवल उच्च गति पर ट्रेन संचालन को सुरक्षित बनाती है, बल्कि पायलटों को रीयल-टाइम अलर्ट भी देती है, जिससे जोखिम की स्थिति में ट्रेन स्वतः रुक जाती है.

इन रूटों पर लगनी है कवच प्रणाली

कवच प्रणाली को रांची, आद्रा, खड़गपुर और चक्रधरपुर मंडलों के तहत आनेवाले रूटों पर लगायी जायेगी. इसमें रांची-टोरी सेक्शन, खड़गपुर-आद्रा सेक्शन, आसनसोल-आद्रा-चांडिल सेक्शन, पुरुलिया-कोटशिला-मुरी सेक्शन, कोटशिला-बोकारो स्टील सिटी सेक्शन शामिल हैं. यह पूरा रेल नेटवर्क लगभग 1563 किलोमीटर का है.

कैसे काम करता है कवच

रेलवे अधिकारियों के अनुसार कवच प्रणाली इस तरह डिजाइन की गयी है कि यदि किसी ट्रेन को उसकी पटरियों पर निर्धारित दूरी के भीतर दूसरी ट्रेन के मौजूद होने की सूचना मिलती है, तो यह उसे स्वचालित रूप से रोक देती है. यह तकनीक रेडियो कम्युनिकेशन और उन्नत सिग्नल प्रोसेसिंग के माध्यम से कार्य करती है. कवच सेफ्टी इंटीग्रिटी लेवल-4 प्रमाणित है, जो विश्वसनीयता की दृष्टि से किसी भी सुरक्षा प्रणाली का सर्वोच्च स्तर माना जाता है.

इसके लगने से ट्रेनें न केवल आमने-सामने की टक्कर से बचेंगी, बल्कि पीछे से टक्कर या सिग्नल की अनदेखी जैसी घटनाओं से भी सुरक्षा सुनिश्चित होगी. कवच को 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक के ट्रेनों के लिए अनुमोदित किया गया है. परीक्षण में प्रमाणित हुआ है कि कवच तकनीक तीन प्रमुख जोखिम स्थितियों (आमने-सामने की टक्कर, पीछे से टक्कर और सिग्नल की अनदेखी) में प्रभावी रूप से काम करती है.