दुबई से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक रांची के कमल की मिठाइयां और चॉकलेट की डिमांड, कई अवार्ड कर चुके हैं हासिल

रांची के कमल ने स्टार्टअप आइडिया के तहत यह काम वर्ष 2020 में कोरोना काल के दौरान शुरू किया था, जो ‘कमल कैटरर’ ब्रांड बन चुका है. आज उनके ब्रांड का टर्नओवर करोड़ों में पहुंच चुका है. दुबई से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक कमल की मिठाइयां और चॉकलेट की डिमांड है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 1, 2023 12:42 PM

राजधानी के चुटिया निवासी कमल अग्रवाल द्वारा बनायी गयी मिठाइयों और चॉकलेट की मांग दुबई से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक हो रही है. वे इन मिठाइयों को इम्युनिटी बूस्टर के रूप में तुलसी, आंवला, हल्दी, हरी मिर्च, नारंगी व स्ट्रॉबेरी के हेल्दी फ्लेवर से तैयार करते हैं. शुगर फ्री होने के कारण मधुमेह पीड़ित लोग भी इसे खा सकते हैं.

कमल ने स्टार्टअप आइडिया के तहत यह काम वर्ष 2020 में कोरोना काल के दौरान शुरू किया था, जो ‘कमल कैटरर’ ब्रांड बन चुका है. आज उनके ब्रांड का टर्नओवर करोड़ों में पहुंच चुका है. कमल मड़ुआ और मक्के की इडली और विभिन्न प्रकार के फ्लेवर की चॉकलेट भी तैयार कर रहे हैं. कमल कहते हैं : 35 साल से कैटरिंग का व्यवसाय कर रहा हूं. 2020 में कोरोना काल के दौरान जब व्यवसाय बंद हो चुका था, तब इस तरह की मिठाइयां और चॉकलेट बनाने का आइडिया आया. लोग अब स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा सजग हो गये हैं. इसलिए इन मिठाइयों, चॉकलेट और इडली को बेहतर रिस्पांस मिल रहा है. राज्य के अलावा ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, यूएइ व दुबई जैसे देशों से इसके ऑर्डर आ रहे हैं.

हेल्दी रसगुल्ला से बढ़ा सकते हैं इम्युनिटी

बाजार में हेल्दी रसगुल्लों की छह से ज्यादा वेराइटी – तुलसी, आंवला, हल्दी, हरी मिर्च, मुलेठी, नारंगी और स्ट्रॉबेरी फ्लेवर में लांच की गयी है. इसे बनाने में नेचुरल प्रोडक्ट का इस्तेमाल किया जाता है. इन्हें खाने से रक्तचाप नियंत्रित रहता है. साथ ही हिमोग्लोबिन की मात्रा भी बढ़ती है.

फ्लेवर इडली की भी जबरदस्त मांग

कमल अपने किचन को औषधालय मानते हुए हर नये प्रोडक्ट को स्वास्थ्य दृष्टिकोण से तैयार करते हैं. वे चावल के अलावा मड़ुआ, मटर, धनिया और लाल मिर्च के स्वाद में भी इडली तैयार करते हैं. मड़ुआ से बने इडली को मधुमेह से पीड़ित लोग भी खा सकते हैं. यह पेट के लिए भी फायदेमंद है.

कई अवार्ड हासिल कर चुके हैं कमल

कैटरिंग व्यवसाय में इनोवेटिव आइडिया के लिए कमल अग्रवाल को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं. इम्युनिटी बूस्टर रसगुल्ले और चॉकलेट के लिए उन्हें हार्वर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड लंदन ने पुरस्कृत किया है. इंडियन ग्लोब संस्था की ओर से उन्हें बेस्ट कैटरर का खिताब भी मिल चुका है.

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इम्युनिटी बढ़ा रही चॉकलेट

कोरोना काल में बच्चे काढ़ा पीने और इम्युनिटी बूस्टर दवा खाने से कतराते थे. इसलिए कमल ने मुलेठी, तुलसी, काली मिर्च, हल्दी, आंवला, अंजीर और स्ट्रॉबेरी को मिला कर इम्युनिटी बूस्टर चॉकलेट तैयार किया. ग्लूकोज चॉकलेट भी बनाते हैं. इन चॉकलेट का फायदा बुजुर्गों में भी देखा गया है.

रिपोर्ट : अभिषेक रॉय, रांची

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