JPSC : सुप्रीम कोर्ट का राज्य सरकार का नोटिस, पूछा- क्या अभ्यर्थियों को वन टाइम उम्र सीमा में दे सकते हैं छूट

मामला 7वीं, 8वीं, 9वीं व 10वीं जेपीएससी परीक्षा के कट अॉफ डेट का. हाथों हाथ नोटिस तामिला कराने का दिया निर्देश. मामले की अगली सुनवाई 21 सितंबर को होगी

By Prabhat Khabar | September 14, 2021 6:11 AM

रांची : सुप्रीम कोर्ट ने सातवीं, आठवीं, नाैवीं और दसवीं संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा के कट अॉफ डेट को लेकर दायर विशेष लीव पिटीशन (एसएलपी) पर सुनवाई के बाद सोमवार को नोटिस जारी किया. कोर्ट ने कहा कि 21 वर्षों में छह जेपीएससी परीक्षा हुई है. पांच वर्ष बाद परीक्षा ली जा रही है, तो वैसी स्थिति में राज्य सरकार क्या अभ्यर्थियों को वन टाइम उम्र सीमा में छूट दे सकती है या नहीं.

मामले के महत्व को देखते हुए कोर्ट ने प्रतिवादी को हाथोंहाथ नोटिस का तामिला कराने का निर्देश दिया. वहीं, अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 21 सितंबर की तिथि निर्धारित की. जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस एएस बोपन्ना की खंडपीठ ने एसएलपी पर सुनवाई के बाद उक्त निर्देश दिया.

खंडपीठ में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से मामले की सुनवाई हुई. इससे पूर्व प्रार्थियों की अोर से झारखंड हाइकोर्ट के वरीय अधिवक्ता व पूर्व महाधिवक्ता अजीत कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पक्ष रखा. उन्होंने खंडपीठ को बताया कि जेपीएससी ने वर्ष 2020 में नियुक्ति विज्ञापन निकला था.

उसमें कट अॉफ डेट वर्ष 2011 रखा गया था. बाद में उक्त विज्ञापन को वापस ले लिया गया. राज्य सरकार की अधियाचना पर जेपीएससी ने 2021 में सातवीं, आठवीं, नाैवीं व 10वीं जेपीएससी परीक्षा का विज्ञापन जारी किया. इसमें कट अॉफ डेट एक अगस्त 2016 रखा गया है. वरीय अधिवक्ता श्री कुमार ने पांच वर्ष बाद होनेवाली परीक्षा के इंतजार में बैठे अभ्यर्थियों (अोवर एज हो गये) के भविष्य को देखते हुए कट अॉफ डेट वर्ष 2011 रखने का आग्रह किया.

उन्होंने खंडपीठ को यह भी बताया कि 21 वर्षों के दाैरान जेपीएससी द्वारा मात्र छह बार ही संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन किया जा सका है. ज्ञात हो कि प्रार्थी रीना कुमारी, अमित कुमार व अन्य की ओर से एसएलपी दायर की गयी है. प्रार्थियों ने झारखंड हाइकोर्ट द्वारा 25 अगस्त 2021 को दिये गये फैसले को चुनाैती दी है. हाइकोर्ट ने एकल पीठ के आदेश को बरकरार रखते हुए राज्य सरकार द्वारा संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा का कट अॉफ डेट को सही ठहराया था.

Posted By : Sameer Oraon

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