लापरवाही नहीं चलेगी! मंत्री चमरा लिंडा ने अधिकारियों को चेताया, स्कॉलरशिप पर दिया बड़ा बयान

Chamra Linda: झारखंड के कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ समय पर और पारदर्शी तरीके से पात्र लाभार्थियों तक पहुंचे. बैठक में प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति, आदिवासी विकास और अन्य योजनाओं की समीक्षा की गई.

By Sameer Oraon | October 12, 2025 7:02 AM

Chamra Linda, रांची : झारखंड के कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने शनिवार को कहा है कि राज्य सरकार अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक सशक्तिकरण के प्रति पूरी तरह समर्पित है. इसे लेकर उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है. उन्होंने सभी अधिकारियों को चेताया कि सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र लाभार्थियों तक समय पर और पारदर्शी तरीके से पहुंचनी चाहिए. इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. दरअसल वे शनिवार को प्रोजेक्ट भवन, रांची में आयोजित विभागीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने ये बात कही मंत्री ने बैठक में शामिल सभी अधिकारियों को कहा कि योजनाओं की नियमित समीक्षा से पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होती है.

प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति पर विशेष जोर

बैठक के दौरान मंत्री चमरा लिंडाा ने विभाग की विभिन्न योजनाओं की भौतिक और वित्तीय प्रगति की समीक्षा की. उन्होंने विशेष रूप से प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजनाओं के लंबित भुगतानों पर चिंता व्यक्त की और कहा कि छात्रवृत्ति राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल है. उन्होंने जानकारी दी है कि केंद्र सरकार से लंबित राशि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए निरंतर पहल की जा रही है ताकि किसी भी छात्र को आर्थिक संकट का सामना न करना पड़े.

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वन अधिकार अधिनियम और अन्य योजनाओं की भी हुई समीक्षा

बैठक में वन अधिकार अधिनियम, धरती आवास ग्राम उत्कर्ष योजना, संविधान अनुच्छेद 275 के तहत स्वीकृत योजनाएं, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना, सरना-मसना स्थल संरक्षण कार्य, छात्रावासों एवं आवासीय विद्यालयों की स्थिति, तथा वाद्य यंत्र वितरण योजना जैसे मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा हुई. मंत्री चमरा लिंडा ने निर्देश दिया कि सभी योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट हर माह विभाग को प्रस्तुत की जाए ताकि निगरानी और मूल्यांकन की प्रक्रिया को और मजबूत किया जा सके.

“योजनाएं सिर्फ कागज पर नहीं, जमीन पर दिखनी चाहिए”: मंत्री चमरा लिंडा

मंत्री चमरा लिंडा ने कहा कि सरकार की मंशा है कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास का लाभ पहुंचे. उन्होंने कहा, “हमारी प्राथमिकता है कि योजनाएं केवल कागजों पर नहीं, बल्कि जमीन पर दिखाई दें. समाज के हर वर्ग को उनका वास्तविक लाभ मिले.” उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे लाभार्थियों से सीधे संवाद करें और उनके सुझावों को योजनाओं के सुधार में शामिल करें.

आदिम जनजातियों के विकास पर विशेष संवेदनशीलता

मंत्री चमरा लिंडा ने कहा कि राज्य सरकार आदिम जनजातियों के समग्र उत्थान और विकास के लिए विशेष रूप से संवेदनशील है. उन्होंने कहा कि ये समुदाय राज्य की सांस्कृतिक और सामाजिक धरोहर का अभिन्न हिस्सा हैं. सरकार उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और आजीविका को सुदृढ़ करने के लिए विशेष योजनाओं पर कार्य कर रही है. मंत्री ने बताया कि आदिम जनजातीय क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं का विस्तार और स्थायी आजीविका के अवसर पैदा करना सरकार की सबसे पहली प्राथमिकताओं में शामिल है.

अधिकारियों को मिला सख्त निर्देश

मंत्री चमरा लिंडा ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता, जवाबदेही और समयबद्धता सुनिश्चित की जाए. उन्होंने कहा कि प्रत्येक योजना की प्रगति रिपोर्ट समय पर प्रस्तुत की जाए ताकि किसी भी स्तर पर देरी या अनियमितता न हो.

बैठक में कौन कौन अधिकारी शामिल रहे

इस बैठक में मंत्री चमरा लिंडा के अलावा कल्याण सचिव कृपा नंद झा, कल्याण आयुक्त कुलदीप चौधरी सहित विभिन्न जिलों के कल्याण पदाधिकारी और विभागीय अधिकारी उपस्थित थे.

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