Jharkhand news : पछड़ों के 27 प्रतिशत आरक्षण को लेकर निर्णायक आंदोलन करेगी आजसू पार्टी

केंद्रीय समिति की बैठक में लिये गये कई निर्णय, सरना धर्म कोड पर अलग-अलग प्रदेश से सहमति लेकर केंद्र को अवगत करायेगी

By Prabhat Khabar | December 3, 2020 7:50 AM

रांची : आजसू पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में बुधवार को केंद्रीय समिति की बैठक हुई. इसमें पिछड़ों के 27 प्रतिशत आरक्षण को लेकर चरणबद्ध निर्णायक आंदोलन करने समेत कई निर्णय लिए गये. कहा गया कि सरना धर्म कोड पर सदन में वृहद चर्चा होनी चाहिए थी. यह राष्ट्रीय मुद्दा है. प्रकृति पूजक समाज का अलग धार्मिक पहचान का सवाल है. इसको लेकर पार्टी अलग अलग प्रदेश में रह रहे प्रकृति पूजक समाज के लोगों को गोलबंद करते हुए वहां की सरकार की सहमति की पहल करेगी.

साथ ही केंद्र सरकार को इससे अवगत करायेगी. बैठक को संबोधित करते केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने कहा कि समय के साथ पंच के महत्व को कम किया गया है, लेकिन आजसू पार्टी गांव की सरकार की कल्पना को हर हाल में साकार करेगी. हमें वक्त के साथ सोच को बदलने की आवश्यकता है और झारखंड में भी पंचायत चुनाव को संजीदगी से लेने की जरूरत है.

जैसा कि बंगाल, ओडिसा और राजस्थान में होता है. कार्यकर्ताओं को तैयार करना होगा और राज्य के साथ ब्लॉक स्तर पर एजेंडा सेट करना होगा. उन्होंने कहा कि जहां तक सरना धर्म कोड की बात है तो इस विषय पर आजसू पार्टी को छोड़ कर किसी ने सदन में इस मुद्दे को नहीं उठाया. लेकिन वर्तमान सरकार इसका क्रेडिट लेने में दिन-रात जुटी हुई है. सरना धर्म कोड प्रकृति पूजक समाज की मांग है और उनके आस्था एवं विश्वास की बात है.

आज विधानसभा में विपक्ष की आवाज को दबाने की पुरजोर कोशिश की जा रही है. विधानसभा में बहस नहीं होगी, तो हमारा झारखंड कमजोर होगा. यह समय झारखंड की जनता के बीच एक विकल्प देने का समय है. पिछड़ों को उनका अधिकार दिलाने के लिए अब निर्णायक लड़ाई की जरूरत है. 29 दिसंबर को वर्तमान सरकार के एक साल के कार्यों का लेखा-जोखा लेकर आजसू पार्टी इस महागठबंधन सरकार को आईना दिखाने का कार्य करेगी.

पार्टी के केंद्रीय उपाध्यक्ष सह गिरिडीह के सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने कहा कि झामुमो महागठबंधन की सरकार को अगर केंद्र का सहयोग प्राप्त नहीं होता तो कोरोना काल में राज्य में कोरोना से कम और भुखमरी से ज्यादा लोगों की मौत होती.यह सरकार हर मोर्चे पर विफल है. मजदूरों के नाम पर सिर्फ और सिर्फ राजनीति हुई. केंद्रीय महासचिव सह गोमिया विधायक डॉ लंबोदर महतो ने कहा कि अब जन मुद्दों को लेकर सड़क से सदन तक संघर्ष करने का समय आ चुका है.

झारखंड आंदोलनकारी चिह्नितीकरण आयोग का कार्यकाल समाप्त हो चुका है. आयोग में 50 हजार झारखंड आंदोलकारियों का आवेदन मंजूरी के लिए लंबित है, लेकिन सरकार पहल नहीं कर रही है. प्रधान महासचिव रामचंद्र सहिस व मुख्य केंद्रीय प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत ने भी बैठक को संबोधित किया. बैठक में पूर्व मंत्री उमाकांत रजक, कमल किशोर भगत, अकिल अख्तर, पूर्व विधायक शिवपूजन मेहता, रौशनलाल चौधरी, मधुलाल महतो, पार्टी के केंद्रीय पदाधिकारी, केंद्रीय सदस्य, आमंत्रित सदस्य, विधानसभा प्रभारी, जिला प्रभारी, जिलाध्यक्ष सचिव, जिला परिषद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, प्रमुख व उपप्रमुख, महानगर अध्यक्ष व सचिव शामिल हुए.

posted by : sameer oraon

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