किसानों को सोलर पंप देने के मामले में झारखंड देशभर में पांचवें स्थान पर
प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान (पीएम कुसुम) योजना के तहत सिंचाई के लिए राज्यभर में 36,346 किसानों के बीच सोलर पंप का वितरण हुआ है.
रांची. प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान (पीएम कुसुम) योजना के तहत सिंचाई के लिए राज्यभर में 36,346 किसानों के बीच सोलर पंप का वितरण हुआ है. इसके साथ ही झारखंड देश के शीर्ष पांच राज्यों में शामिल हो गया है. बताया गया कि इससे लगभग 50 मेगावाट बिजली की बचत हो रही है. इस योजना में जहां महाराष्ट्र पहले नंबर पर है, वहीं झारखंड पांचवें नंबर पर है. केंद्र सरकार ने राज्यों की रैंकिंग जारी की है. बताया गया कि महाराष्ट्र में 4,23,379 पंप लगाये गये हैं. वहीं दूसरे स्थान पर रहे हरियाणा में 1,61,073 लगाये गये हैं. तीसरे स्थान पर रहे राजस्थान में 1,06,831 लगाये गये हैं. चौथे स्थान पर रहे उत्तर प्रदेश में 66,468 लगाये गये हैं. जबकि झारखंड में 42,985 सोलर पंप स्वीकृत किये गये, जिसमें 36,346 पंप लगाकर पांचवें स्थान को इस वर्ष भी बरकरार रखा है.
पांच से 10 हजार रुपये लेकर 1.58 से 2.80 लाख के मोटर लगाये जा रहे हैं.
गौरतलब है कि झारखंड में पीएम कुसुम योजना पार्ट बी का काम जेरेडा द्वारा कराया जा रहा है. किसानों के यहां मोटर लगवाने से लेकर पांच वर्षों तक मेंटनेंस का काम जेरेडा द्वारा नियुक्त किये गये वेंडर को ही करना है. जिसकी मॉनिटरिंग जेरेडा मुख्यालय से होती है. सभी पंपों में एक चिप लगाया गया है. जिससे खराब होने की स्थिति में मुख्यालय को संदेश जाता है. उसके बाद तत्काल उसकी रिपेयरिंग करायी जाती है. बताया गया कि योजना के तहत दो एचपी के मोटर की लागत 1.58 लाख है, पर किसानों से पांच हजार रुपये लिये जाते हैं. वहीं तीन एचपी के मोटर की लागत 1.90 लाख रुपये है, पर किसानों को सात हजार रुपया देना है. पांच एचपी के मोटर की लागत 2.80 लाख रुपये है, पर किसान को 10 हजार ही देना है. इसके लिए पीएम कुसुम योजना की वेबसाइट पर आवेदन करना होता है. इसके बाद जेरेडा द्वारा पंप लगवाया जाता है. पीएम कुसुम योजना के तहत झारखंड सरकार 72 प्रतिशत तो केंद्र सरकार 25 प्रतिशत सब्सिडी देती है.
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