राजमहल एसिड अटैक केस की जांच कर दो हफ्ते में दें रिपोर्ट, झारखंड हाईकोर्ट का झालसा सदस्य सचिव को निर्देश
Jharkhand High Court: साहिबगंज के राजमहल में हुए तेजाबकांड (एसिड अटैक केस) के पीड़ित लोगों के मुआवजे में बढ़ोत्तरी, पुनर्वास और बेहतर इलाज को लेकर दायर याचिका पर बुधवार को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने झालसा सचिव को मामले की जांच कर दो सप्ताह में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया. वर्ष 2024 में छत पर सो रहे परिवार पर एसिड अटैक किया गया था. इसमें चार लोग झुलस गए थे.
Jharkhand High Court: रांची, राणा प्रताप-झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश कुमार की अदालत ने साहिबगंज के राजमहल में हुए तेजाबकांड (एसिड अटैक केस) के पीड़ित लोगों के मुआवजे में बढ़ोत्तरी, पुनर्वास और बेहतर इलाज को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने प्रार्थी और राज्य सरकार का पक्ष सुना. इसके बाद अदालत ने मामले को झारखंड स्टेट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी (झालसा) के सदस्य सचिव को सौंपते हुए जांच करने का निर्देश दिया. अदालत ने झालसा के सदस्य सचिव को जांच कर दो सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. इसके साथ ही मामले की अगली सुनवाई के लिए 18 सितंबर की तिथि निर्धारित की.
राजमहल तेजाबकांड में झुलस गए थे कई लोग
इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता शैलेश पोद्दार ने पक्ष रखा. अदालत को बताया कि वर्ष 2024 में अप्रैल माह में राजमहल में तेजाब कांड हुआ था, जिसमें कई लोग झुलस गये थे. घर भी जल गया था. सरकार से 11 लाख रुपए मुआवजा मिला है. मुआवजा बढ़ाया जाना चाहिए. पीड़ितों के परिवार का न कोई घर बचा है और रोजगार भी चल गया है. इलाज भी सही ढंग से नहीं हो पाया है. एक बच्ची की एक आंख खराब हो गयी है. एक नाबालिग है, उसकी पढ़ाई की व्यवस्था होनी चाहिए. सिर्फ 11 लाख रुपए देना सही नहीं है. परिवार का पुनर्वास, पीड़ित लोगों का बेहतर इलाज, जीविकोपार्जन के साधन के साथ-साथ मुआवजा राशि 25 लाख देने संबंधी आदेश देने का आग्रह किया.
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छत पर सो रहे परिवार पर हुआ था एसिड अटैक
तेजाबकांड के पीड़ित लोगों की ओर से याचिका दायर की गयी है. साहिबगंज जिले के राजमहल थाना क्षेत्र में 24 अप्रैल को तड़के एक बड़ी घटना हुई थी. छत पर सो रहे एक परिवार पर एसिड से हमला किया गया था, जिसमें परिवार के चार लोग झुलस गये थे.
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