कोविड-19 से लड़ने के सभी इंतजाम झारखंड सरकार ने ट्विटर पर किए : भाजपा

रांची : झारखंड भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि राज्य की हेमंत सरकार कोरोना वायरस के संक्रमण काल में हर मोर्चे पर पूरे तरीके से विफल रही है और कोविड-19 से निपटने के लिए ट्विटर और आभासी दुनिया पर ही सारे इंतजाम किये हैं. इन्होंने कहा कि सरकार के दावे में दम नहीं है. जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल इतर है. सरकार ने हिंदपीढ़ी की नाकेबंदी की थी और कहा था कि परिंदा भी वहां पर नहीं मार सकता. लगता है ये नाकेबंदी सिर्फ ट्विटर पर थी, जबकि असलियत यह थी कि हिंदपीढ़ी से निकलकर लोग लगातार प्रदेश के दूसरे जिलों में पहुंचते रहे.

By Agency | May 27, 2020 8:04 AM

रांची : झारखंड भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि राज्य की हेमंत सरकार कोरोना वायरस के संक्रमण काल में हर मोर्चे पर पूरे तरीके से विफल रही है और कोविड-19 से निपटने के लिए ट्विटर और आभासी दुनिया पर ही सारे इंतजाम किये हैं. इन्होंने कहा कि सरकार के दावे में दम नहीं है. जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल इतर है. सरकार ने हिंदपीढ़ी की नाकेबंदी की थी और कहा था कि परिंदा भी वहां पर नहीं मार सकता. लगता है ये नाकेबंदी सिर्फ ट्विटर पर थी, जबकि असलियत यह थी कि हिंदपीढ़ी से निकलकर लोग लगातार प्रदेश के दूसरे जिलों में पहुंचते रहे.

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ट्विटर पर सरकार के सारे इंतजाम

झारखंड भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने आरोप लगाया कि आभासी दुनिया पर सरकार ने पृथकवास केंद्र, आश्रय गृह, ट्रांजिट होम में सारी व्यवस्था कर दी है, जबकि हर दिन इन केंद्रों पर बदइंतजामी की खबरें आ रही हैं और लोग इन केंद्रों से भाग रहे हैं. दूसरे राज्यों से आने वाले श्रमिकों के लिए भी राज्य सरकार ने ट्विटर पर रेलवे स्टेशन से लेकर हाइवे तक व्यवस्था कर दी थी, लेकिन जमीनी हकीकत इससे उलट है. समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार श्रमिकों को स्टेशन पर घंटों बसों का इंतजार करना पड़ा है. बसों में भी सामाजिक दूरी के नियम का उल्लंघन किया गया. भोजन पानी के लिए भी त्राहिमाम की स्थिति है. उन्होंने कहा कि हाइवे में भी चलने वाले श्रमिकों के लिए सरकार भोजन की मुकम्मल व्यवस्था नहीं कर पाई. ट्विटर पर सरकार ने राज्य में पैदल चलने वाले सारे श्रमिकों के लिए वाहनों की व्यवस्था कर दी, जबकि असलियत में आज भी बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर पैदल चल रहे हैं और भाजपा इन्हें राहत पहुंचाने में जुटी है.

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