झारखंड में सिगरेट पीने, खैनी या गुटखा खाने पर 6 महीने तक की सजा, कोरोना पर ब्रेक लगाने के लिए तंबाकू उत्पाद पर पूर्ण प्रतिबंध

Jharkhand, Tobacco Ban, COVID19, Coronavirus Pandemic : कोरोना वायरस के संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए झारखंड सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. राज्य के किसी भी कोने में अब किसी भी प्रकार के तंबाकू के सेवन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. आदेश का पालन नहीं करने पर 6 महीने तक जेल की सजा हो सकती है. राज्य के सभी 24 जिलों में गठित जिला, अनुमंडल एवं प्रखंड स्तरीय तंबाकू नियंत्रण छापामार दस्ते के सदस्यों को सरकार के आदेश का अनुपालन कराने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. बुधवार (17 जून, 2020) को स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने यह आदेश जारी किया है.

By Mithilesh Jha | June 18, 2020 6:11 PM

रांची : कोरोना वायरस के संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए झारखंड सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. राज्य के किसी भी कोने में अब किसी भी प्रकार के तंबाकू के सेवन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. आदेश का पालन नहीं करने पर 6 महीने तक जेल की सजा हो सकती है. राज्य के सभी 24 जिलों में गठित जिला, अनुमंडल एवं प्रखंड स्तरीय तंबाकू नियंत्रण छापामार दस्ते के सदस्यों को सरकार के आदेश का अनुपालन कराने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. बुधवार (17 जून, 2020) को स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने यह आदेश जारी किया है.

डॉ कुलकर्णी ने आदेश जारी करते हुए पूरे राज्य में सार्वजानिक जगहों पर सभी तरह के तंबाकू उत्पादों यथा सिगरेट, बीड़ी, पान मसाला, हुक्का, खैनी, जर्दा, गुटका और इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. डॉ कुलकर्णी ने बताया कि पान मसाला, खैनी, जर्दा और गुटका खाकर यत्र-तत्र थूकना सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरा है और संक्रामक रोगों के फैलने का एक प्रमुख कारण है. आदेश में कहा गया है कि तंबाकू का सेवन करने वाले लोग यत्र-तत्र थूकते हैं, जिससे कोरोना समेत कई गंभीर बीमारियों का संक्रमण फैलने का खतरा रहता है. अतः सार्वजानिक जगहों पर तंबाकू पदार्थों के सेवन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाता है.

आदेश में कहा गया है कि तंबाकू का सेवन जनस्वास्थ्य के लिए बड़े खतरों में से एक है. इससे कोरोना के अलावा, इन्सेफलाइटिस, यक्ष्मा, स्वाइन फ्लू व अन्य संक्रमण भी फैलने की प्रबल संभावना बनी रहती है. आदेश में कहा गया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना वायरस बीमारी (कोविड19) को वैश्विक महामारी घोषित किया जा चुका है. छूने, छींकने, खांसने, थूकने की वजह से इस वायरस का संक्रमण फैलता है. संक्रमित व्यक्ति यदि धूम्रपान करता है, तो उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है और संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है. संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए झारखंड सहित पूरे देश में जहां लॉकडाउन किया गया है, वहीं कई तरह के दिशा-निर्देश भी जारी किये गये हैं.

Also Read: झारखंड के बहरागोड़ा में ‘गलवान घाटी’, शहीद गणेश हांसदा को दोस्तों ने इस अंदाज में दी श्रद्धांजलि

राज्य तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल पधाधिकारी डॉ ललित रंजन पाठक ने बताया कि सभी जिलों के उपायुक्तों एवं पुलिस अधीक्षकों को इस आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराने एवं उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही सभी सरकारी/गैर सरकारी परिसरों में उक्त आशय का बोर्ड लगवाने का निर्देश दिया है. डॉ पाठक ने बताया कि राज्य में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए सभी जिलों के उपायुक्तों द्वारा पूर्व में ही अपने-अपने जिले में सभी सरकारी/गैर सरकारी कार्यालय एवं परिसर में तंबाकू सेवन पर प्रतिबंध लगते हुए तंबाकू मुक्त क्षेत्र घोषित किया जा चुका है.

झारखंड में तंबाकू नियंत्रण हेतु राज्य सरकार की तकनीकी सहयोग संस्थान सोशियो इकॉनोमिक एंड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसाइटी (सीड्स) के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्र ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्गत आदेश का स्वागत किया है और उम्मीद जतायी है कि इससे राज्य में तंबाकू सेवन में कमी आयेगी. साथ ही कोरोना जैसी महामारी फैलने का खतरा भी कम होगा.

Also Read: झारखण्ड में लगा कोविड-19 सेस, पेट्रोल-डीजल हुआ
महंगा, व्यापारियों को देना होगा प्रोफेशनल टैक्स, शराब भी होगी महंगी

श्री मिश्र ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रकाशित GATS 2 के सर्वे में झारखंड में तंबाकू सेवन करने वालों में कमी आयी है. यह आंकड़ा 7-8 साल में 50.1% से घट कर 38.9% हो गया है. इसमें चबानेवाले तंबाकू सेवन करने वालों का प्रतिशत 34.5% है. सभी जिलों में उक्त आदेश का अनुपालन होने से राज्य में तंबाकू सेवन के प्रतिशत में और कमी आयेगी.

Posted By : Mithilesh Jha

Next Article

Exit mobile version