बकाया बिजली बिल के कारण JBVNL ने HEC के सभी प्लांट की बिजली काटी, इन सरकारी कंपनियों पर भी मंडराया खतरा

एचइसी की स्थापना के बाद 63 साल में पहली बार काटी गयी बिजली, 129 करोड़ रुपये का है बकाया. दिन के 1.50 बजे कटी, भुगतान के आश्वासन पर देर शाम शुरू हुई बिजली बहाली की प्रक्रिया

By Prabhat Khabar | September 1, 2021 6:18 AM

Hec Ranchi latest News रांची : झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) ने मंगलवार को बकाये को लेकर केंद्र सरकार के उपक्रम एचइसी की बिजली काट दी. दिन के 1.50 बजे बिजली काटी दी गयी थी. फिर एचइसी द्वारा बकाये भुगतान का आश्वासन दिये जाने के बाद रात 8.48 बजे बिजली आपूर्ति बहाल करने की प्रक्रिया शुरू की गयी. लगभग नौ घंटे बाद रात 10.50 में बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गयी. एचइसी की स्थापना के बाद 63 वर्षों में यह यह पहला मौका है, जब कंपनी की बिजली काटी गयी थी.

इधर एचइसी के साथ ही अन्य 190 केंद्रीय उपक्रमों को नोटिस जारी कर बिजली काटने की चेतावनी दी गयी है. इन पर 31 जुलाई 2021 तक का 1379 करोड़ 38 लाख 42 हजार 728 रुपये का बकाया है. एचइसी पर ही 129 करोड़ रुपये बकाया हैं. इधर, बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए एचइसी ने जेबीवीएनएल को एक 13 पर करोड़ रुपये तत्काल भुगतान का प्रस्ताव दिया है.

साथ ही अन्य बकायों का भी शीघ्र भुगतान की बात कही है.

सात अगस्त को ही एचइसी को दिया गया था नोटिस : एचइसी को सात अगस्त को ही इलेक्ट्रिक सप्लाई सर्किल रांची के अधीक्षण अभियंता ने नोटिस दिया था कि बकाये का भुगतान करें अन्यथा 15 दिनों में बिजली काट दी जायेगी. मंगलवार की दोपहर में एचइसी की बिजली काट दी गयी. ज्ञात हो कि एचइसी को प्रतिदिन 18 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की जाती है, जो करीब तीन करोड़ रुपये प्रतिमाह की होती है. एचइसी द्वारा अंतिम बार जनवरी 2020 में 2.16 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था.

जेबीवीएनएल ने रेलवे और कोल कंपनियों को भी दिया नोटिस

जेबीवीएनएल ने 190 केंद्रीय एजेंसियों की सूची तैयार की है, जिनके पास वर्षों से बिजली बिल बकाया है. इन सभी एजेंसियों को नोटिस जारी किया गया है. बिजली बकाया का भुगतान नहीं करने पर बारी-बारी से बिजली काटने की बात कही गयी है. इन केंद्रीय एजेंसियों में कई रेलवे स्टेशन, कोल कंपनी, टेलीफोन कार्यालय आदि शामिल हैं. जेबीवीएनएल द्वारा तैयार सूची में आर्मी के कुछ कार्यालय, टेलीफोन एक्सचेंज, बैंक, रेलवे, तेल व कोल कंपनियां भी शामिल हैं. इन्हें बकाया भुगतान का नोटिस भेजा गया है.

रेलवे डिविजन इलेक्ट्रिकल इंजीनियर लातेहार के कार्यालय पर 589 करोड़ रुपये बकाया हैं. सीनियर डीइइ (जी) रेलवे चास पर 16.95 लाख रुपये बकाया हैं. इसी तरह बीसीसीएल के झरिया के डिप्टी चीफ इंजीनियर कार्यालय पर 75 लाख और जीएम रोपवे पर 15.66 लाख रुपये बकाया हैं. इसीएल की 24 कोलियरियों पर भी लाखों रुपये बकाया हैं. वहीं पीजीसीआइएल, भारत पेट्रोलियम को भी नोटिस भेजा गया है. आर्मी के गैरिसन इंजीनियर्स (एमइएस) दीपाटोली रांची और रामगढ़ कैंटोनमेंट के कैंटोनमेंट एग्जीक्यूटिव पर भी बकाया है. सीसीएल अस्पताल रामगढ़ को भी नोटिस दिया गया है.

केंद्रीय एजेंसियां करें बकाये का भुगतान

एचइसी द्वारा बिजली भुगतान करने का आश्वासन दिया गया है, जिस कारण आपूर्ति बहाल कर दी गयी है. केंद्र सरकार को मुख्य सचिव द्वारा पत्र लिखा गया था कि केंद्रीय एजेसियों को भुगतान करने का निर्देश जारी किया जाये. केंद्रीय एजेंसियां भुगतान नहीं करेंगी, तो राज्य सरकार डीवीसी व एनटीपीसी को कैसे भुगतान करेगी. एचइसी राज्य का महत्वपूर्ण उपक्रम है. आश्वासन मिलते ही बिजली बहाल कर दी गयी.

अविनाश कुमार, ऊर्जा सचिव सह सीएमडी झारखंड ऊर्जा विकास निगम

Posted By : Sameer Oraon

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