इंद जतरा सामाजिक समरसता का प्रतीक : चमरा लिंडा
करम इंद जतरा महोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि झारखंड सरकार के आदिवासी कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने कही
प्रतिनिधि, रातू.
इंद जतरा केवल जतरा नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता का प्रतीक है. जतरा हमें अपनी सभ्यता व संस्कृति को बचाये रखने की सीख देता है. हम अपनी संस्कृति के माध्यम से पूरे देश को झारखंड की संस्कृति को दिखाते हैं. उक्त बातें रातू के होचर टिकरा में आदर्श सरना समिति की ओर से शनिवार को आयोजित करम इंद जतरा महोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि झारखंड सरकार के आदिवासी कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने कही. उन्होंने कहा कि इतिहास में पहली बार भारत के प्रधानमंत्री ने करम पर्व की बधाई दी, मतलब देश ने हमारी संस्कृति को जानना शुरू कर दिया है. जिस बीज को वीरेंद्र बाबू ने बोया था, वह अब वृहद रूप ले लिया है. उन्होंने कहा कि हम आस्था से भटक रहे हैं. अपनी पूजा पद्धति भूल रहे हैं, यह चिंता का विषय है. श्री लिंडा ने कहा कि हम तुलसी व करम वृक्ष की पूजा और स्तूति पूर्वजों से करते आ रहे हैं. विशिष्ट अतिथि समिति के अध्यक्ष सह रांची जिप अध्यक्ष निर्मला भगत ने कहा कि मेरे पति सरना रत्न वीरेंद्र भगत ने जिस उद्देश्य की पूर्ति के लिए जतरा की शुरुआत की थी, उसे लक्ष्य तक पहुंचाया जायेगा. उन्होंने समाज के सभी लोगों से नशापान का त्याग करने की अपील की. महोत्सव को रामजीत गंझू, पूनम देवी, रीना देवी, जगराम कुजूर, सरिता देवी, मनीषा देवी, अनुराधा मुंडा, राजेंद्र शाही मुंडा, प्रमुख संगीता तिर्की, गंगू पाहन, मुकेश भगत व विमल उरांव ने भी संबोधित किया. महोत्सव में महिलाओं ने गीत-नृत्य की छटा बिखेर दर्शकों का खूब मनोरंजन किया. समिति ने खोड़हाधारियों को पुरस्कृत किया. जतरा में झारखंड समेत ओड़िशा आदि राज्यों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए. संचालन ग्राम प्रधान शैलेंद्र मुंडा व हेमंत मुंडा ने किया. महोत्सव को सफल बनाने में राजेंद्र भगत, राजीव मिश्रा, देवेंद्र पाहन, बसंत भगत, कार्तिक उरांव, सलगी उरांव, अणिमा भगत, सोनामती पाहन, चंद्रावती उरांव, मनीष मुंडा आदि ने सहयोग किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
