Budget 2023-24: कहां से होती है झारखंड सरकार की कमाई, किस मद में कितना होता है खर्च, पूरा लेखा-जोखा यहां देखें

Jharkhand Budget 2023|स्वास्थ्य एवं पेयजल पर सरकार ने 9.57 फीसदी राशि खर्च किये, जबकि पुलिस एवं आपदा प्रबंधन पर 8.36 फीसदी. सरकार के बजट का एक बड़ा हिस्सा पेंशन में खर्च होता है. पेंशन पर सरकार को अपने बजट का 7.96 फीसदी खर्च करना पड़ा था.

By Mithilesh Jha | March 3, 2023 12:26 PM

सरकार की आय के 6 स्रोत हैं, जबकि खर्च के मुख्य 14 मद. वर्ष 2022-23 के बजट में सरकार ने सबसे ज्यादा पैसा 13.54 फीसदी शिक्षा पर खर्च किया. ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग दूसरे नंबर पर रहा. सरकार ने 12.59 फीसदी राशि इस विभाग के जरिये खर्च किये.

स्वास्थ्य एवं पेयजल पर 9.57 फीसदी राशि खर्च

स्वास्थ्य एवं पेयजल पर सरकार ने 9.57 फीसदी राशि खर्च किये, जबकि पुलिस एवं आपदा प्रबंधन पर 8.36 फीसदी. झारखंड सरकार के बजट का एक बड़ा हिस्सा पेंशन में खर्च होता है. पेंशन पर सरकार को अपने बजट का 7.96 फीसदी खर्च करना पड़ा था.

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समाज कल्याण पर झारखंड सरकार का खर्च 7.87 फीसदी

समाज कल्याण के लिए सरकार ने 7.87 फीसदी राशि खर्च की, जबकि भू-राजस्व, श्रम, पर्यटन, सूचना प्रौद्योगिकी एवं अन्य मद में 7.45 फीसदी राशि खर्च की गयी. पेंशन के बाद एक और मद है, जिसमें सरकारको 7 फीसदी से अधिक की राशि खर्च करनी पड़ रही है. वो है कर्ज का भुगतान. कर्ज के भुगतान में सरकार को 7.18 फीसदी राशि देनी पड़ती है.

ब्याज चुकाने में खर्च हो जाते हैं 6.59 फीसदी पैसे

अगर सरकार 100 रुपये कमाती है, तो उसके 6.59 रुपये ब्याज भुगतान में खर्च हो जाते हैं. कृषि और उससे जुड़े सेक्टरएवं जल संसाधन पर सरकार 5.92 फीसदी पैसे खर्च करती है. ऊर्जा क्षेत्र में सरकार की ओर से 4.80 फीसदी राशि खर्च की जाती है. सड़क एवं परिवहन व्यवस्था पर बजट का 4.14 फीसदी पैसा खर्च होता है.

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शहरी विकास पर खर्च मात्र 3.02 फीसदी

शहरी विकास एवं आवासन पर सरकार ने 3.02 फीसदी खर्च करती है, जबकि वन एवं पर्यावरण पर उसका खर्च सिर्फ 1.01 फीसदी है. इस तरह बजट में सरकार की ओर से सबसे कम खर्च वन एवं पर्यावरण विभाग पर ही की जाती है.

सरकार की कमाई के हैं 6 स्रोत (फीसदी में)

  • केंद्रीय टैक्स में राज्य की हिस्सेदारी – 26.71 फीसदी

  • राज्य सरकार की टैक्स से आय – 24.58 फीसदी

  • गैर-टैक्स मद से राज्य सरकार की आय – 13.61 फीसदी

  • सहायता अनुदान – 17.22 फीसदी

  • कर्ज – 17.80 फीसदी

  • लोन रिकवरी और एडवांस – 0.08 फीसदी

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इन जगहों पर खर्च होता है सरकार का पैसा (फीसदी में)

  • शिक्षा – 13.54

  • ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज – 12.59

  • स्वास्थ्य एवं पेयजल – 9.57

  • पुलिस एवं आपदा प्रबंधन – 8.36

  • पेंशन – 7.96

  • समाज कल्याण – 7.87

  • भू-राजस्व, श्रम, पर्यटन, सूचना प्रौद्योगिकी एवं अन्य – 7.45

  • कर्ज का भुगतान – 7.18

  • ब्याज का भुगतान – 6.59

  • कृषि, उससे जुड़े क्षेत्र एवं जल संसाधन – 5.92

  • ऊर्जा – 4.80

  • सड़क एवं परिवहन – 4.14

  • शहरी विकास एवं आवासन – 3.02

  • वन एवं पर्यावरण – 1.01

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