Lok Sabha Election 2024 : यशस्विनी से मिलने के बाद रामटहल ने कहा कांग्रेस में झंडा ढोने नहीं आये हैं

रांची लोकसभा सीट से कांग्रेस की प्रत्याशी यशस्विनी सहाय ने बुधवार को पूर्व सांसद रामटहल चौधरी से उनके आवास पर मिलीं और आशीर्वाद लिया.

By Prabhat Khabar | April 25, 2024 8:10 AM

रांची लोकसभा सीट से कांग्रेस की प्रत्याशी यशस्विनी सहाय ने बुधवार को पूर्व सांसद रामटहल चौधरी से उनके आवास पर मिलीं और आशीर्वाद लिया. इस मौके पर यशस्विनी सहाय ने श्री चौधरी से कहा : रांची से कांग्रेस पार्टी की जीत पहले जनता और आपकी जीत होगी, तब बेटी यशस्विनी सहाय की जीत होगी. वहीं, पूर्व सांसद रामटहल चौधरी व सुबोधकांत सहाय ने अपने पुराने राजनीतिक समय के उतार-चढ़ाव को साझा किया.

पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने श्री चौधरी से कहा : सर क्या करें? सोनिया गांधीजी ने हमलोगों की उम्र को देखते हुए टिकट नहीं दिया. उन्होंने बहुत सोच-समझ कर युवा प्रत्याशी का चयन किया है. अभी युवाओं का दौर चला है, इसलिए रांची सीट कांग्रेस को हर हाल में मजबूती के साथ जितना है. पिता-पुत्री के जाने के बाद रामटहल चौधरी ने टिकट नहीं मिलने पर खुल कर अपनी नाराजगी जतायी. प्रभात खबर से बातचीत में उन्होंने कहा कि : मेरे साथ धोखा हुआ है. हम कांग्रेस में झंडा ढोने नहीं आये हैं. वर्तमान लोकसभा चुनाव में किसी पार्टी का झंडा नहीं ढोयेंगे.

श्री चौधरी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की ओर से उन्हें बुलाया गया था. इससे पहले रांची लोकसभा सीट का फीडबैक लिया गया. फिर टिकट का आश्वासन दिया गया. कहा गया कि जिसकी जितनी भागीदारी होगी, उसकी उतनी हिस्सेदारी. इसके बाद ही उन्होंने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी. श्री चौधरी ने कहा कि टिकट नहीं मिलने से उनके समर्थकों व कार्यकर्ताओं में नाराजगी है. यह पूछे जाने पर कि अब आपका अगला कदम क्या होगा? क्या कांग्रेस पार्टी छोड़ देंगे? इस पर उन्होंने कहा कि इस संबंध में कार्यकर्ता व समर्थकों के साथ बातचीत कर उचित निर्णय लेंगे, लेकिन इस चुनाव में किसी पार्टी का कैडर बन कर काम नहीं करेंगे.

उन्होंने कहा कि हम कांग्रेस पार्टी में चुनाव लड़ने गये थे, झंडा ढोने के लिए नहीं. श्री चौधरी ने कहा कि भाजपा से टिकट नहीं मिलने के कारण ही उन्होंने पिछले लोकसभा चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़ा था. इस बार चुनाव लड़ने के लिए वह कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे. उन्होंने बताया कि इससे पहले उनकी मुलाकात नीतीश कुमार से हुई थी. उन्होंने भी रांची सीट से टिकट दिलाने का भरोसा दिया था, लेकिन बाद में जदयू एनडीए खेमे के साथ चले जाने के कारण बात आगे नहीं बढ़ पायी.

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