ट्रैफिक पुलिसकर्मी अवैध वसूली करते अथवा माइनर ऑटो-टोटो चलाते दिखे, तो उसी दिन बैठेगी अदालत

राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था, ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की वसूली व माइनर के टोटो चलाने पर हाइकोर्ट नाराज

By Prabhat Khabar Print | May 14, 2024 12:43 AM

रांची (वरीय संवाददाता). झारखंड हाइकोर्ट ने जनवरी 2022 में रांची के बिरसा चौक में ऑटो की टक्कर से महिला की मौत मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान इस बात पर कड़ी नाराजगी जतायी कि ट्रैफिक पुलिस के कई जवान ट्रैफिक व्यवस्था को छोड़ अवैध वसूली में लगे दिखते हैं. वहीं कई माइनर टोटो व ऑटो चलाते देखे जा सकते हैं. रांची शहर में बिना परमिट के ऑटो चल रहे है. खंडपीठ ने माैखिक रूप से ट्रैफिक एसपी से पूछा कि राजधानी में माइनर (नाबालिग) कैसे टोटो (ई-रिक्शा) या ऑटो चला रहे हैं. बिना ड्राइविंग लाइसेंस के ऑटो या टोटो कोई नहीं चलाये. ट्रैफिक पुलिस इसे सुनिश्चित करे. खंडपीठ ने कहा कि ट्रैफिक पुलिसकर्मी अवैध वसूली करते अथवा माइनर ऑटो या टोटो चलाते दिखे, तो उसी दिन ट्रैफिक एसपी को बुला कर अदालत लगायी जायेगी, चाहे उस दिन छुट्टी ही क्यों नहीं रहे. खंडपीठ ने रांची शहर में बिना परमिटवाले ऑटो के परिचालन पर पूरी तरह से रोक लगाने तथा उनके खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 12 जून को होगी. मामले की सुनवाई के दौरान ट्रैफिक एसपी सशरीर उपस्थित थे. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी शिवशंकर शर्मा ने जनहित याचिका दायर की है. पिछले सुनवाई में कोर्ट ने मामले में परिवहन सचिव को प्रतिवादी बनाया था. कोर्ट ने कहा था कि शहर में छोटे-छोटे बच्चे डीजल ऑटो व टोटो बेधड़क चलाते हैं तथा अचानक कहीं भी गाड़ी को मोड़ देते हैं, जिससे आये दिन दुर्घटना होती है. ट्रैफिक सुधार के लिए काम हो रहा है, पर इसे धरातल पर दिखना चाहिए. कोर्ट ने रांची के एसएसपी व ट्रैफिक एसपी को शपथ पत्र के माध्यम से मामले में उठाये गये कदमों की जानकारी देने को कहा था.

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