झामुमो के केंद्रीय महाधिवेशन में गरजे हेमंत सोरेन- उत्पीड़न से परेशान जनता ने डबल इंजन सरकार को उखाड़ फेंका

Hemant Soren in JMM Kendriya Mahadhiveshan: झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झामुमो के केंद्रीय महाधिवेशन में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर जमकर हमला बोला. कहा कि झारखंड के आदिवासी-मूलवासी, दलित, पीड़ित, शोषित लोगों ने उत्पीड़न से तंग आकर वर्ष 2019 में डबल इंजन की सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंका था. उन्होंने और क्या-क्या कहा, पढ़ें इस रिपोर्ट में.

By Mithilesh Jha | April 14, 2025 2:16 PM

Hemant Soren in JMM Kendriya Mahadhiveshan| रांची, विवेक चंद्रा : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सोमवार (14 अप्रैल) को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के केंद्रीय महाधिवेशन में खूब गरजे. भारत के संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की जयंती के दिन शुरू हए झामुमो के 2 दिवसीय केंद्रीय महाधिवेशन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड की अदिवासी-मूलवासी, गरीब, दलित, पीड़ित, शोषित लोगों ने उत्पीड़न से परेशान होकर वर्ष 2019 में डबल इंजन की सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया था. उन्होंने कहा कि गुरुजी का लगाया पौधा आज विशाल वृक्ष का रूप धारण कर चुका है. उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य के गठन के बाद से ही यहां के आदिवासियों, मूलवासियों, दलितों का शोषण और उत्पीड़न हो रहा था.

2019 में बनी महागठबंधन की सरकार को परेशान-तबाह करने की कोशिश हुई – हेमंत

हेमंत सोरेन ने कहा कि वर्ष 2019 में जब झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व में महागठबंधन (झामुमो, कांग्रेस, राजद) की सरकार बनी, तो उसे परेशान और तबाह करने की कोशिश की गयी. विपक्षी पार्टी की तमाम कोशिशों के बावजूद झारखंड की अबुआ सरकार ने झुकना स्वीकार नहीं किया. अबुआ सरकार झारखंड के आम लोगों के हितों में फैसले ले रही है.

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आदिवासियों-मूलवासियों को उनका अधिकार दे रही अबुआ सरकार – हेमंत सोरेन

झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड राज्य का गठन होने के बाद सत्ता ऐसे लोगों के हाथ में चली गयी, जिनको आदिवासी-मूलवासी से कोई मतलब नहीं था. सरकार की नीतियों की वजह से आदिवासी-मूलवासी और किसान आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो रहे थे. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार (हेमंत सोरेन की सरकार) आम लोगों के हित में काम कर रही है. आदिवासियों-मूलवासियों को उनका अधिकार दे रही है.

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