Jharkhand : प्रवासी मजदूरों को कृषि क्षेत्र में रोजगार देने की संभावनाओं पर श्रम मंत्री ने कृषि मंत्री बादल पत्रलेख से की बात

Jharkhand News, Migrant Laborers, Satyanand Bhokta, Badal Patralekh, Coronavirus Lockdown, Agriculture : रांची : झारखंड सरकार कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से घोषित लॉकडाउन के दौरान अपने घर आये प्रवासी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने का एक्शन प्लान तैयार कर रही है. इन प्रवासी मजदूरों को कृषि के क्षेत्र में रोजगार देने की संभावनाओं पर शुक्रवार (3 जुलाई, 2020) को श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता एवं कृषि मंत्री बादल पत्रलेख के बीच बातचीत हुई.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 3, 2020 6:04 PM

रांची : झारखंड सरकार कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से घोषित लॉकडाउन के दौरान अपने घर आये प्रवासी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने का एक्शन प्लान तैयार कर रही है. इन प्रवासी मजदूरों को कृषि के क्षेत्र में रोजगार देने की संभावनाओं पर शुक्रवार (3 जुलाई, 2020) को श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता एवं कृषि मंत्री बादल पत्रलेख के बीच बातचीत हुई.

कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता से राजधानी रांची स्थित उनके आवास पर शुक्रवार को औपचारिक मुलाकात की. इस दौरान दोनों मंत्रियों के बीच लॉकडाउन की वजह से लौटकर अपने घर आये झारखंड के प्रवासी मजदूरों को गृह राज्य में रोजगार प्रदान करने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई.

श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा है कि हेमंत सोरेन की सरकार प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिए एक एक्शन प्लान पर काम कर रही है. इसके तहत अलग-अलग क्षेत्रों में रोजगार की संभावनाएं तलाश रहे हैं. उन्होंने कहा कि जल्दी ही अलग-अलग राज्यों से अपने घर लौटे लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने की कोशिश में सरकार है.

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श्रम मंत्री ने बताया कि सूबे के कृषि मंत्री श्री पत्रलेख से कृषि क्षेत्रों में बन रही संभावनाओं पर उन्होंने विचार-विमर्श किया. कहा कि चूंकि आज भी हमारी आबादी का एक बड़ा हिस्सा कृषि से जुड़ा हुआ है. इसलिए हम कृषि से संबंधित क्षेत्रों में अधिक से अधिक लोगों को रोजगार देने की क्षमता रखते हैं.

यहां बताना प्रासंगिक होगा कि लॉकडाउन की वजह से देश भर से करीब 7 लाख प्रवासी झारखंड लौटे थे. इनमें से 3,01,987 प्रवासी श्रमिक की श्रेणी में थे. इनमें 2,09,295 लोग कुशल कामगार हैं, जबकि 92,692 लोग अकुशल कामगार हैं. जो 3,01,987 प्रवासी श्रमिक हैं, उनमें से 1,09,548 लोगों ने कृषि के क्षेत्र में काम करने की इच्छा जतायी है.

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इसी तरह 40,883 लोग ऐसे हैं, जो मवेशी से जुड़े व्यवसाय से जुड़ना चाहते हैं. 38,808 लोग स्वरोजगार करना चाहते हैं, तो 69,897 लोग चाहते हैं कि उन्हें उनकी योग्यता के आधार पर काम दिया जाये. यानी जिस काम में वे दक्ष हैं, उन्हें वही काम दिया जाये.

Posted By : Mithilesh Jha

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