Ranchi News : जिमखाना क्लब में सात दिसंबर को सजेगी सुरों की महफिल
ग्रैमी अवार्ड विजेता पद्मभूषण पंडित विश्व मोहन भट्ट और तबला वादक हिमांशु महंत सात दिसंबर को रांची जिमखाना क्लब में आयोजित संध्या महफिल में प्रस्तुति देंगे.
ग्रैमी अवार्ड विजेता पद्मभूषण पं विश्व मोहन भट्ट और हिमांशु महंत सात दिसंबर को देंगे प्रस्तुति
रांची. ग्रैमी अवार्ड विजेता पद्मभूषण पंडित विश्व मोहन भट्ट और तबला वादक हिमांशु महंत सात दिसंबर को रांची जिमखाना क्लब में आयोजित संध्या महफिल में प्रस्तुति देंगे. पद्मभूषण पं विश्व मोहन भट्ट एक ऐसे अद्वितीय कलाकार हैं, जिन्होंने ‘मोहन वीणा’ और ‘विश्व वीणा’ का सृजन किया. वर्ष 1994 में उन्होंने भारत के लिए विश्व का सर्वोच्च सम्मान ग्रैमी अवार्ड जीतकर भारतीय संगीत को वैश्विक मंच पर शीर्ष स्थान दिलाया. पं भट्ट विश्व के 85 देशों में भारतीय शास्त्रीय संगीत का प्रचार-प्रसार कर चुके हैं और अपनी विशिष्ट वादन शैली से गायन व वादन (गायकी एवं तंत्रकारी) तकनीक का अनूठा सम्मिश्रण प्रस्तुत करते हैं, जो उनके संगीत को विशिष्ट पहचान देता है. पं भट्ट का जन्म जयपुर के भट्ट घराने में हुआ, जहां संगीत की परंपरा दस पीढ़ियों से चली आ रही है. पिता पं मनमोहन भट्ट और माता विदुषी चंदकला भट्ट प्रतिष्ठित संगीत गुरु थे. उन्हें भारत रत्न पं रविशंकर का सानिध्य भी प्राप्त रहा. पद्मभूषण, पद्मश्री, राष्ट्रीय संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड, राष्ट्रीय तानसेन संगीत सम्मान सहित अमेरिका और कनाडा जैसे देशों की मानद नागरिकता से वे सम्मानित किए जा चुके हैं. पं भट्ट आज के समय के सर्वाधिक व्यस्त और लोकप्रिय कलाकारों में से हैं. वर्ष 1994 में ग्रैमी अवार्ड को भारत में लोकप्रिय बनाने का श्रेय भी उन्हें ही जाता है.हिमांशु महंत : बनारस घराने की नौवीं पीढ़ी के कलाकार
हिमांशु महंत अपने घराने की संगीत और तबला परंपरा की नौवीं पीढ़ी के कलाकार हैं. उन्होंने बनारस घराने की प्रारंभिक तबला शिक्षा अपने पिता और प्रथम गुरु, श्रेष्ठ कला आचार्य पंडित बालकृष्ण महंत से 19 वर्षों तक प्राप्त की. इसके बाद उन्होंने बनारस घराने के विख्यात तबला वादक पद्मविभूषण पंडित किशन महाराज से भी विधिवत प्रशिक्षण लिया. हिमांशु का तबला वादन बनारस घराने की पारंपरिक शैली और आधुनिक वादन तकनीक का अनूठा समन्वय है. उनके वादन में गति, स्पष्ट ध्वनि और कठिन रचनाओं की प्रभावशाली प्रस्तुति शामिल है. वह नियमित रूप से सोलो तबला वादन के साथ देश के प्रतिष्ठित कलाकारों की संगत भी करते रहे हैं. पिछले 20 वर्षों से वह ग्रैमी अवार्डेड पद्मभूषण पंडित विश्व मोहन भट्ट और तंत्री सम्राट पंडित सलिल भट्ट के साथ देश-विदेश-ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, लंदन, फ्रांस, कुवैत, दुबई आदि में तबला संगत कर रहे हैं. वर्ष 2015 में हिमांशु महंत को संगीत नाटक अकादमी, भारत सरकार द्वारा उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया. उन्हें गुजरात सरकार द्वारा तबला वादन में स्टेट स्कॉलरशिप और भारत सरकार द्वारा नेशनल स्कॉलरशिप भी प्राप्त है. वर्ष 2025 में प्रसार भारती, आकाशवाणी नयी दिल्ली ने उन्हें तबला वादन में टॉप ग्रेड की उपाधि प्रदान की है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
